scriptVijay Diwas: 1971 में पाक से युद्ध में शेखावाटी के 168 जवानों ने बहाया था अपना खून, दुश्मन को घर में घुसकर था ललकारा | Vijay Diwas: 168 martyrs from Shekhawati and 50 martyrs from Sikar district also sacrificed their lives for the country | Patrika News
सीकर

Vijay Diwas: 1971 में पाक से युद्ध में शेखावाटी के 168 जवानों ने बहाया था अपना खून, दुश्मन को घर में घुसकर था ललकारा

फतेहपुर कस्बे के डाबड़ी गांव के शहीद लांस नायक हनुमानसिंह शेखावत राजपूताना राइफल्स में तैनात थे। वे 16 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन कैक्टस लिली के दौरान शहीद हुए थे।

सीकरDec 16, 2024 / 11:04 am

Rakesh Mishra

1971 indo pak war
Sikar News: देशभर में आज विजय दिवस मनाया जा रहा है। 13 दिन तक चले युद्ध के बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के जनरल नियाजी ने 93000 सैनिकों के साथ भारत के समक्ष हथियार डालकर आत्मसमर्पण कर दिया था। भारत के 3900 वीर जवान देश के लिए शहीद हुए थे और 9851 जवान घायल हुए थे। सर्वोच्च बलिदान देकर पूर्वी पाकिस्तान की आजादी का सबब बनने में शेखावाटी के 168 शहीदों और सीकर जिले के 50 शहीदों ने भी देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए थे।
शहीदों, उनके परिवार, बेटे-पोतों ने आज भी यादें संजोकर रख रखी हैं। शहीदों के परिवारों ने वीरता की कहानियां बताते हुए यह भी कहा कि सरकार ने शहीदों के परिवारों की सुध ली है, लेकिन अभी भी शहीदों के नाम से सरकारी स्कूल व अस्पताल का नामकरण, भूमि आवंटन नहीं हुआ है। नौकरी के नियमों में कुछ विसंगतियों को दूर कर परिवार के सदस्यों को नौकरी भी दी जानी चाहिए।

सीकर के 50 जवानों ने देश के लिए दी थी शहादत

1971 के युद्ध में सीकर जिले के 50 नौजवान शहीद हुए थे। इन शहीदों में अर्जुन सिंह बिजारणिया, रामेश्वर राम, नवरंग लाल, भागीरथ सिंह, फुसा सिंह, रिछपाल सिंह, इंद्र सिंह, केसर देव, शमशाद अली, रेखाराम, दानाराम, इब्राहिम खान, मंगेज सिंह, सुखदेव सिंह, सांवर राम, मोहन सिंह, गणपत राम, मुस्ताक अली, अर्जुन सिंह, महबूब खान, मकसूद अली, हरलाल सिंह, हनुमान सिंह, हरि सिंह, पन्ने सिंह, समंदर खान, इनायत खान, मुबारक खान, शमशेर खान, हरि सिंह, श्याम सिंह, कल्याण सिंह, भंवरलाल, गणपत सिंह और अगर सिंह सहित अन्य वीर शहीद शामिल हैं।

फूले खान पठान के पांव के जख्म बताते हैं युद्ध की विभिषिका

खीरवा गांव के युद्ध विकलांग 78 वर्षीय फूले खान पठान फोर ग्रेनेडियर के जवान थे। उन्होंने बताया कि वे 1971 के युद्ध में सांबा सेक्टर में तैनात थे। वे परमवीर चक्र अब्दुल हामिद की यूनिट चार्ली कंपनी के जवान रहे हैं। वे 14 दिसंबर 1971 के जवान पाकिस्तानी क्षेत्र के 15 किलोमीटर अंदर शक्करगढ़ तहसील के आगे तक कब्जा करते हुए चले गए थे। आमने-सामने की लड़ाई में फूले खान पठान के पैर में तोप के गोले का छर्रे लग गए थे। फूले खान पठान के दाएं पैर में अभी भी छर्रों के निशान हो रखे हैं। वे करीब डेढ़ किलोमीटर तक अकेले ही घायल अवस्था में पैर घसीटते हुए आए। चार्ली कंपनी के उनके पांच साथी जवान शहीद हो गए थे। उन्हें 15 दिसंबर 1971 को पता चला कि उनकी विजय हो गई है और पाकिस्तानी सेना ने आत्मसर्पण कर दिया है। पठानकोट के मिलिस्ट्री हॉस्पिट में इलाज के दौरान विजयी होने की सूचना मिलने पर फूले खान काफी खुश हुए।

शहीद लांस नायक हनुमानसिंह, आज भी गांव में गूंजते हैं वीरता के किस्से

फतेहपुर कस्बे के डाबड़ी गांव के शहीद लांस नायक हनुमानसिंह शेखावत राजपूताना राइफल में तैनात थे। वे 16 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन कैक्टस लिली के दौरान शहीद हुए थे। शहीद हनुमानसिंह का पार्थिव शरीर भी गांव नहीं आया था। शहीद हनुमानसिंह शेखावत की शहादत के एक महीने बाद वीरांगना जतन कंवर के एक बेटी उच्छब कंवर हुईं। शहीद वीरांगना ने अपनी बेटी का पालन-पोषण किया। डाबड़ी गांव के स्कूल का नामकरण भी शहीद के नाम से किया हुआ है। उन्होंने शहीद पति की स्मृतियों को सहेजकर रखा है। 2022 में राज्य सरकार ने शहीद हनुमानसिंह शेखावत के दोहिते जितेंद्रसिंह राठौड़ को कनिष्ठ सहायक के पद पर नौकरी दी है।

21 साल की उम्र में दी शहादत

खूड़ गांव के शहीद कल्याणसिंह भींचर आर्मी मेडिकल कोर में नर्सिंगकर्मी के पद पर तैनात थे। वे 9 दिसंबर 1971 को लेह-लद्दाख में मात्र 21 साल पांच माह की आयु में शहीद हो गए थे। 22 जुलाई 1949 को जन्में कल्याणसिंह भींचर 22 जुलाई 1969 को भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। शहीद वीरांगना गुलाबी देवी अपने बेटे शहीद के बेटे जगदीश भींचर ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में शहीद पिता कल्याणसिंह भींचर की प्रतिमा लगा रखी है। परिवार के किसी भी सदस्य को नौकरी नहीं मिली है, जबकि अधिकांश शहीदों के परिवार के सदस्यों को नौकरी मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहीद वीरांगनाओं व शहीद परिवारों का ध्यान रखते हुए रक्त संबंध के आधार पर सुविधाएं और मान-सम्मान देना चाहिए।

Hindi News / Sikar / Vijay Diwas: 1971 में पाक से युद्ध में शेखावाटी के 168 जवानों ने बहाया था अपना खून, दुश्मन को घर में घुसकर था ललकारा

ट्रेंडिंग वीडियो