पुराने प्रस्तावों का तो जवाब ही नहीं आया
केन्द्रीय सड़क-परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने 4 हजार 772 किलोमीटर की 50 सड़कों को नेशनल हाईवे घोषित करने की सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। इसके बाद से राज्य और केन्द्र सरकार के बीच 50 सड़कों को नेशनल हाईवे घोषित करने के लिए कई बार पत्राचार हो चुका है। वर्तमान सरकार में भी पत्र लिखा गया था, लेकिन केन्द्र ने इन पर कोई एक्शन ही नहीं लिया।केन्द्र अपने स्तर पर ही तय कर रहा एक्सप्रेस-वे और उनके रूट
केन्द्र सरकार लम्बे समय से नेशनल हाईवे के रूट अपने हिसाब से ही तय कर रहा है। राजस्थान से निकल रहे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे की बात हो या फिर अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस-वे का मामला। यह सब केन्द्र ने अपने स्तर पर ही तय किए हैं।राजस्थान में खाद्य सुरक्षा का लाभ लेने वाले अपात्र नए साल से पहले कर ले ये काम, वर्ना होगा सख्त एक्शन
इनका कहना है…
बजट में घोषित किए गए प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे की डीपीआर बनाने का काम चल रहा है। ये एक्सप्रेस-वे कौन बनाएगा, यह निर्णय तो राज्य सरकार और केन्द्र सरकार के स्तर पर ही होना है। हमें अभी तक जो आदेश मिले हैं, उसी हिसाब से काम कर रहे हैं।-डी आर मेघवाल, सचिव, सार्वजनिक निर्माण विभाग