सीकर. आइए हम आपको ले चलते हैं राजस्थान के एक ऐसे गांव, जिसकी मिट्टी में बॉस्केटबॉल रचता-बसता है। हर घर में बॉस्केटबॉल का खिलाड़ी मौजूद है। यहां के लोगों के दिन की शुरुआत बॉस्केटबॉल के साथ शुरू होती है और सांझ भी इसी के साथ ढलती है। यह गांव है सीकर जिले में स्थित दुजोद। इस अकेले दुजोद गांव ने देश को 15 इंटरनेशनल, 110 नेशनल और 700 ज्यादा (कुल 825) जिला स्तरीय बॉस्केटबॉल खिलाड़ी दिए हैं।
शुक्रवार से दुजोद में राजस्थान पत्रिका और श्रीराम कोचिंग की ओर से दो दिवसीय जिलास्तरीय बास्केटबॉल प्रतियोगिता करवाई गई है। पहले दिन लीग मुकाबले खेले गए। शनिवार को सेमीफाइनल व फाइनल मुकाबले हैं। श्रीराम कोचिंग के निदेशक सुभाष मील ने विजेता व उपविजेता टीम के खिलाडिय़ों को दस-दस हजार रुपए के कोचिंग के बाऊचर देने की घोषणा की। शामिल होने वाले सभी खिलाडिय़ों को कोचिंग में प्रवेश लेने पर 50 फीसदी छूट दी जाएगी।
ये टीम रहीं विजेता पहले दिन आईडी क्लब दुजोद और एसके कोचिंग सेंटर के बीच मैच में एसके कोचिंग सेंटर की टीम विजेता रही। रोमांचक मुकाबले में मेजबान दुजोद की टीम ने केशवानन्द टीम को हराया। तीसरा मैच आदर्श स्कूल पलसाना और आईडी क्लब दुजोद के बीच हुआ। इसमें आदर्श स्कूल पलसाना की टीम विजेता रही।
मुख्य कोच भंवर सिंह व बास्केटबॉल संघ के सचिव मोहम्मद अयूब का सम्मान पिछले 35 वर्षों से खिलाडिय़ों को तराशने वाले बास्केटबॉल के मुख्य कोच भंवर सिंह व बास्केटबॉल संघ के सचिव मोहम्मद अयूब का सम्मान किया गया। इस मौके पर गिरवर सिंह शेखावत, स्कूल प्रधानाचार्य सीताराम शर्मा, बालिका स्कूल की प्रधानाचार्या सुमित्रा चौधरी, किस्तूर मिश्रा, जसबंत सिंह, दशरथ सिंह, कृपाल सिंह, नेमीचंद सांई, विक्रम सिंह शेखावत, गिरधारी सिंह, नंदसिंह व प्रवीण मिश्रा सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन शारीरिक शिक्षक राजवीर सिंह शेखावत ने किया।
जुनून से मिलती है सफलता उद्घाटन समारोह में धोद विधायक गोरधन वर्मा ने राजस्थान पत्रिका की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे निश्चित तौर पर खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन मिलेगा। खेल में करियर की काफी संभावना है। लेकिन खिलाडिय़ों को लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढऩा होगा। विधायक ने कहा कि संसाधनों के अभाव के बाद भी यहां के खिलाडिय़ों ने देश-दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने खिलाडिय़ो से नियमित अभ्यास और जुनून के दम पर सफलता हासिल करने की बात कही। उन्होंने अपने कोटे से निर्मित बास्केटबॉल कोर्ट में बोर्ड लगाने के लिए एक लाख व गौरव पथ के लिए सात लाख रुपए देने की घोषणा की।
शेखावाटी में खिलाडिय़ों की कोई कमी नहीं जिला परिषद सदस्य ताराचंद धायल ने कहा कि शेखावाटी में खिलाडिय़ों की कोई कमी नहीं है। दुजोद गांव के युवाओं ने मेहनत के दम पर बास्केटबॉल में अलग पहचान बनाई है। अतिथि के तौर पर सरपंच लक्ष्मण सिंह शेखावत, अन्तरराष्ट्रीय खिलाड़ी इरफान अली गौड़ व रणजीत सिंह व इरफान अली ने शिरकत की। अंत में राजस्थान पत्रिका के सीकर संस्करण के संपादकीय प्रभारी विनोद सिंह चौहान ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर आभार जताया।
बॉस्केटबॉल ने 65 को दिलाई सरकारी नौकरी खेलों के दम पर गांव के 65 से अधिक युवाओं ने सरकारी नौकरी हासिल की है। लगभग 60 वर्ष से चल रहा खेलों का यह जुनून अब भी यहां के युवाओं में है। गांव के मैदान पर सुबह-शाम का नजारा किसी खेल गांव से कम नहीं होता है। प्लाटून कमाण्डेंट से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले गिरवर सिंह ने 1960 के दशक में यहां इस खेल की शुरुआत की थी।
Hindi News / Sikar / VIDEO : ये है राजस्थान का सबसे धांसू गांव, यहां पैदा हुए इस खेल के 825 खिलाड़ी, इनमें 15 इंटरनेशनल व 110 नेशनल लेवल के