-डूमोली खुर्द के दयाराम मेघवाल की बेटी सुषमा और पूरा की ढाणी झुंझुनूं निवासी सवाईसिंह भूरिया के इकलौते बेटे शैलेष के साथ सगाई होनी थी।
-सगाई हो गई थी। अन्य रस्में चल रही थी। इस दौरान शैलेष के मामा श्रवण कुमार ने बिना दहेज की शादी की चर्चा छेड़ दी।
-चर्चा चली कि दुल्हे के शिक्षक पिता सवाईसिंह पहले भी अपनी दो बेटियों की बिना दहेज के शादी की थी।
-बातों ही बातों में शैलेष के परिजनों ने दुल्हन के परिजनों के सामने बिना दहेज की शादी करने का प्रस्ताव रख दिया।
-दूल्हे पक्ष का यह प्रस्ताव दुल्हन के परिजनों ने तुरंत स्वीकार कर लिया और दोनों पक्षों की रजामंदी से उसी समय शादी का निर्णय किया।
-हाथों-हाथ साधारण मंडप सजाया गया और शैलेष व सुषमा की सादगी से बिना दहेज के शादी कर दी गई।
-सगाई में आए परिजनों ने दूल्हा-दुल्हन को आाशीर्वाद दिया।
– दुल्हन के पिता दयाराम सिंघाना के बड़ौदा राजस्थान ग्रामीण बैंक में मैनेजर दूल्हे के पिता सवाईसिंह भूरिया झुंझुनूं के केन्द्रीय विद्यालय में एचएम पद पर कार्यरत हैं।
-शैलेष कस्टम विभाग में इस्पेक्टर व सुषमा केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय नई दिल्ली में अकाउंटेड पद पर कार्यरत है।
शैलेष तीन बहनों का इकलौता भाई है। इसकी बड़ी बहन इंदू भूरिया बीकानेर के इंजीनियर कॉलेज में असीस्टेंट प्रोफेसर है। इसकी शादी केन्द्रीय मंत्री अर्जूनलाल मेघवाल के भतीजे से बिना दहेज के हुई थी। दूसरी बहन रिचा भूरिया माखर में व्याख्याता है। सबसे छोटी बहन बहन साहिल भूरिया सुरतगढ़ में बिजली प्लांट में जेईएन के पद पर कार्यरत है।