नहीं है कोई व्यवस्था
जिला औषधि केन्द्र से आने वाली सभी दवाओं को स्टोर में भेजा जाता है। जहां पर तो फ्रिज है लेकिन इसके बाद वार्डों और दवा काउंटर पर कोई व्यवस्था तक नहीं है। यहां दवाओं का बॉक्स में रखा जाता है जिससे उन दवाओं के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। नियमानुसार जीवन रक्षक दवाओं तथा जैल सहित अन्य दवाओं को ठंडक में रखने के निर्देश है। कई वार्डों के स्टोर में पंखे भी नहीं है। ऐसे में इन दवाओं की उपयोगिता रहेगी या नहीं इसे लेकर चिकित्सक भी सवाल उठाने लगे हैं।
इन दवाओं पर असर
निशुल्क दवा योजना में आने वाली एमेक्सोसिलिन एंड पोटेशियम क्लेवूनेट, इन्सुलिन, आक्सीटोसिन, आईबूप्रोफेन एंड पैरासिटामोल, फ्ल्यूइड,हृदय रोग, विशाक्तता, एस्प्रिन, सेफ्टाविटिन सरीखी कई दवा और इंजेक्शन को 25 से 30 डिग्री में रखने के निर्देश है लेकिन इसके बावजूद इन निर्देशों की पालना नहीं हो रही।
सीकर. एसके चिकित्सालय में दवा वितरण काउंटर पर 42 डिग्री सेल्सियस में रखीं दवाएं। वहीं काउंटर पर रखी दवा जिस पर 30 डिग्री सेल्सियस से कम पर रखे जाने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी देनी चाहिए
-जिन दवाओं के तापमान को बनाए रखने में दवा काउंटर या अस्पताल के वार्ड में परेशानी आ रही है। उसकी जानकारी संबंधित इंचार्ज को अस्पताल प्रबंधन को देनी चाहिए।
डॉ. हरि सिंह, डिप्टी कंट्रोलर, एसके अस्पताल, सीकर