सात समंदर पार विदेशी धरती पर भारत का मान बढ़ाने वाले शेखावाटी के लाडले ने बुधवार को निशानेबाजी में फिर कांस्य पदक पर निशाना साधा है। श्रीमाधोपुर स्थित सिहोड़ी ग्राम पंचायत की ढाणी नीमड़ी के ओमप्रकाश मिठारवाल ने तीन दिन में दूसरी बार कांस्य पदक पर कब्जा जमाया है। मिठारवाल ने 50 मीटर फ्री पिस्टल में 5.49 का स्कोर अर्जित किया। चैंपियनशिप में 24 राउंड फायर किए जाते हैं। जिनमें से 22 राउंड ओमप्रकाश ने फायर किए। 20 राउंड तक पहले स्थान पर रहने के बाद अंतिम दो राउंड सात नंबर पर लगे। इन्हीं दो राउंड्स के चलते ओमप्रकाश स्वर्ण व रजत पदक से चूक गए। चैंपियनशिप में ऑस्ट्रेलिया ने स्वर्ण व बांग्लादेश ने रजत पदक हासिल किया।
12 दिन का सफर
ऑस्ट्रेलिया में 12 दिन के सफर के बारे में बताते हुए ओमप्रकाश ने कहा इंडियन टीम में जीतू राय के साथ बिताया हर पल यादगार रहेगा। ऑस्ट्रेलिया का यह सफर मेरे लिए बहुत अच्छा रहा। इंटर नेशनल शूटर्स से बहुत कुछ सीखने के साथ ही उनके साथ खेलने का मौका मिला।
किया नाम रोशन
ओमप्रकाश के दादा अध्यापक रामनाथ ने बताया कि सुबह से टेलीविजन पर लगी थी। पोते के सोने पर निशाना लगाने की पूरी आशा थी। लेकिन इस बार भी 21वे शॉट ने उसे पछाड़ दिया। 10 मीटर एयर पिस्टल में भी 21वां शॉट ही कांस्य पर ले आया था। देश के लिए दो बार कांस्य जीतने पर पोते पर गर्व है। ओमप्रकाश की पत्नी अंजू ने बताया कि दो दिन पहले कंस्य जीता था आज हमे गोल्ड की आशा थी, लेकिन शायद भाग्य ने साथ नही दिया, उनका प्रयास पूरा था। देश के लिए दो पदक जीतने पर मुझे गर्व है।
जीत का जश्न मना बांटी मिठाई
सिहोड़ी ग्राम पंचायत की नीमड़ी की ढाणी में ओमप्रकाश के कांस्य मिलने की सूचना के साथ ही जश्न का माहौल हो गया। घर पर खुशी मनाते हुए मिठाई बांटी गई। घर के आसपास की महिलाओं ने गीत गाकर ओमप्रकाश की पत्नी अंजू को बधाई दी। पिता सज्जन सिंह ने गुलाल लगाकर फटाखे फोड़ते हुए नाच गाते बेटे की उपलब्धि का जश्न मनाया। बधाई देने नांगल, आसपुरा सहित कई आसपास के क्षेत्र के लोग भी आए। फुटाला के पूर्व सरपंच कल्याण मंगावा, नांगल पूर्व सरपंच हीरासिंह सामोता, सिहोड़ी सरपंच प्रमोद सहित अन्य जनप्रतिनिधियो ने भी बधाई दी।
13 अप्रेल को दिल्ली पहुंचेंगे
ओमप्रकाश ने बताया कि टीम 13 अप्रेल की सुबह दो बजे दिल्ली एयर पोर्ट पहुंचेंगी। वहां वे सबसे पहले अपने बहनोई से मिलेंगे के बाद घर पहुचेंगे। उन्होंने यह भी बताया दिल्ली आने के बाद कोरिया में आयोजित होने वाले वल्र्डकप के बाद ही घर वालों से मिलना हो। मिठारवाल की पत्नी अंजू देवी बीए द्वितीय वर्ष में पढ़ाई कर रही हैं।
मां ने कहा मेहनत पर मिली है सफलता
ओमप्रकाश की मां शांति ने बताया कि कई घंटो निशानेबाजी का अभ्यास करता था। आर्थिक तंगी के साथ कई बार तो दूसरे साथियों के सहारो प्रतियोगिता में भाग लिया है। अब कांस्य पदक मिलना तथा देश का मान बढ़ाना सभी के लिए गर्व की अनुभूति है। भगवान सूणी है जल्दी ही बालाजी के सवामणी प्रसाद करेंगे।