परीक्षा में चयन होने के बाद उन्होंने बैक डेट में
फर्जी डिग्री के लिए विश्वविद्यालयों से संपर्क किया। जहां सौदेबाजी करते हुए उन्होंने 5 से 10 लाख रुपए तक में ये डिग्री हासिल की थी। पर चूंकि उन डिग्री के रोल न. से लेकर वर्ष व परिणाम प्रतिशत तक आवेदन में दर्ज सूचना से अलग पाए गए तो वे जांच में फंस गए।
विश्वविद्यालयों ने भी उठाया फायदा
पड़ताल में सामने आया है कि फर्जी डिग्री बांटने वाले विश्वविद्यालयों ने भी अभ्यर्थियों का परीक्षा में चयन होने का फायदा उठाया। डिग्री लेने की मजबूरी जान अलग-अलग विश्वविद्यालयों ने उनसे 5 से 20 लाख रुपयों तक की मांग की। ऐसे में अभ्यर्थियों ने सौदेबाजी कर जहां सस्ती मिली, वहीं से बैक डेट में अपनी डिग्री ले ली। 244 के दस्तावेज में गड़बड़ी, निरस्त हो रही नौकरी
गौरतलब है कि शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2022 में चयनित सैंकड़ों शिक्षकों की बीपीएडी व डीपीएड की डिग्री ऑनलाइन आवेदन में दर्ज रेकॉर्ड से अलग मिली थी।
इस पर सरकार ने जांच करवाई तो सरकारी स्कूलों में नियुक्त हो चुके 244 शिक्षकों की डिग्री फर्जी मिली। ऐसे में 2023 में नियुक्त हुए इन शिक्षकों की नौकरी अब निरस्त की जा रही है। जिसके लिए अलग-अलग जिलों के शिक्षा विभाग आदेश जारी कर रहे हैं।