इसके बाद ज्यादातर मामलों में पारिवारिक पेंशन को साधारण पेंशन के रूप में ही स्वीकार किया जाता है। लेकिन, यदि सैनिक की पत्नी पेंशन बढ़ाने का प्रार्थना पत्र देती है तो उस पर कमेटी द्वारा दुबारा निर्णय लेना संभव है। जिसमें प्रतिमाह सैनिक पत्नी को मिलने वाली साधारण पारीवारिक पेंशन को विशेष पेंशन में बदल दिया जाता है। कल्याण संघठक साबूलाल चौधरी के अनुसार जागरूकता के अभाव में मृत सैनिकों की पत्नियां नियमों का लाभ नहीं ले पाती हैं। जबकि आवदेन करने पर उसकी पेंशन प्रतिमाह करीब पांच हजार रुपए तक बढ़ सकती है। आवेदन देने के बाद पेंशन बढ़वाने की प्रक्रिया जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल सागरमल सैनी के निर्देश पर विभाग कार्यालय द्वारा शुरू कर दी जाती है। बढ़ी हुई पेंशन की स्वीकृत में करीब चार-पांच महीने का वक्त लग जाता है।
संतोष की बढ़ी पेंशन
सुरेरा मंडा के नायक नंदाराम की मौत ऑन ड्यूटी जुलाई 2016 में राजरिफ सेंटर दिल्ली में हो गई थी। उनकी पत्नी संतोष ने बताया कि इसके बाद उन्हे पारिवारिक पेंशन के तौर पर 18 हजार मिल रहे थे। प्रार्थना पत्र देने के बाद उसको विशेष पेंशन के बदले 4600 रु. अतिरिक्त मिले।