एसफआई ने विवादों के लिए प्राचार्य को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया था। गुरुवार को उच्च शिक्षा के विशिष्ठ शासन सचिव प्रदीप कुमार बोरड़ ने एसके कन्या महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. भूपेंद्र कुमार दुल्लड़ को एपीओ कर दिया है। पुलिस एसपी के नेतृत्व में माकपा कार्यालय में घुसकर भी लाठीचार्ज किया। इस दौरान 70 से अधिक एसएफआई व माकपा के कार्यकर्ता व नेताओं को हिरासत में लिया गया। लाठीचार्ज में कई लोगों के फ्रेक्चर और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। हिरासत में लेने के तीन घंटे बाद डॉक्टर्स की टीम को थाने में बुलाकर प्राथमिक उपचार दिया गया। राजस्थान पत्रिका ने छात्राओं और कार्यालय में घुसकर कार्यकर्ता व नेताओं पर हुए लाठीचार्ज के मुद्दे को गंभीरता से उठाया था। इसके बाद हरकत में आए प्रशासन ने यह कार्रवाई की है।
आंदोलन से पहले कार्रवाई की तैयारी
माकपा ने नौ सितम्बर को बड़े स्तर पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। ऐसे में सरकार ने अभी से प्रांरभिक तौर पर जिनकी लापरवाही सामने आ रही है उनके खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है। पहले दोषी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया गया। अब प्राचार्य को एपीओ किया गया है। ऐसे में सियासी तौर पर चर्चा है कि माकपा के आंदोलन से पहले सरकार एक-दो अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकती है। जांच में इनके निर्दोष साबित होने पर मुख्यालय से दूसरे स्थान पर लगाए जाने की चर्चा है।
एबीवीपी ने उठाई पहले री-काउंटिंग की मांग
सबसे पहले रीकाउंटिंग की मांग एबीवीपी ने उठाई। एसएफआई अध्यक्ष प्रत्याशी प्रियंका के वोलेट पेपर चैक करने की बात कही। इसमें एसएफआई के दो वोट रिजक्ट हुए, और बाकी के दो वोट रूचि चौधरी के निकल गए। इसमें एसएफआई के 942 और एबीवीपी के 946 वोट हो गए। फिर एसएफआई से एंजेट बबीता बाजिया ने रि काउंटिंग की मांग की। वोलेट पेपर की जांच में एबीवीपी का एक वोट रिजक्ट हो गया। और एक एसएफआई का होने के चलते उनके 943 और एबीवीपी के 944 वोट थे। उसके बाद तीसरी से पांचवीं रि काउंटिंग तक एबीवीपी एक वोट से आगे ही रही।
एबीवीपी आज भी मतगणना के लिए तैयार
अंत में बबीता बाजिया ने फिर से रीकाउंटिंग की बात कही। उसके जो वोट एबीवीपी का था, उसको जानबूझ कर निकलवा दिया गया। शिक्षकों ने समझाया लेकिन उन्होंने नहीं मानी तो उसे रिजक्ट करना पड़ा। अंत में दोनों के 943 वोट हो गए। एबीवीपी ने रिजक्ट करने का रिजन पूछा तो उन्होंने कहा खाली जगह पर भी सील नहीं लगी होनी चाहिए। तो इसी तरह का एक वोट उनकी मत पेटी में भी था, जो की मुझे ध्यान में आ गया। और मैने वो वोट निकलवाया और एबीवीपी अंत में एक वोट से जीत गई। अगर फिर से मतगणना होती है, तो हमे कोई एतराज नहीं है। हम प्रशासन का पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है।
जल्द भेजेंगे विस्तृत रिपोर्ट
अपर जिला कलक्टर मामले की जांच में जुटे है। रिपोर्ट आते ही सरकार को भिजवा दी जाएगी। कॉलेज प्राचार्य को एपीओ करने के कारणों का अभी पता नहीं लगा है। सरकारी प्रक्रिया में हर स्तर पर जांच होती है। कॉलेज आयुक्तालय से इस संबंध में बातचीत नहीं हुई है। -सीआर मीना, जिला कलक्टर, सीकर