वहीं, हादसे के बाद कई जनप्रतिनिधि अस्पताल पहुंचे हैं। पुलिस और क्षेत्रीय विधायक हाकम अली खान, सभापति मुस्ताक नजमी, एसडीएम दमयंती कंवर, तहसीलदार हितेश चौधरी समेत अन्य अधिकारी और नगर पालिका के कार्मिक मौके पर पहुंचे।
परिजनों ने जताया आक्रोश
बताया जा रहा है कि घटना के बाद तीनों मजदूरों के परिजन अस्पताल पहुंचे और आक्रोश जताया। वहीं, पुलिस और नगर निगम प्रशासन भी मौके पर पहुंचकर समझाइश के प्रयास में जुटे हैं। तीनों मजदूर अपने परिवार में इकलौते कमाने वाले थे और उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं। यह घटना मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 का उल्लंघन मानी जा रही है, जिसके तहत बिना सुरक्षा मानकों के सीवर सफाई करना गैर-कानूनी है।
सीवरेज टैंक की सफाई का कानून
सफाई कर्मचारियों के लिए मैनुअल स्कैवेंजिंग एक्ट 2013 बनाया गया है। जिसके अनुसार जो कर्मचारी सीवर में उतरेगा उसका 10 लाख का बीमा होना चाहिए। कर्मचारी से काम की लिखित स्वीकृति जरूरी है। सफाई से दो घंटे पहले सीवर का ढक्कन खोला जाना चाहिए ताकि जहरीली गैस बाहर निकल जाएं। किसी प्रशिक्षित सुपरवाइजर की निगरानी में आक्सीजन सिलेंडर, मास्क जीवन रक्षक उपकरण के साथ ही कर्मचारी को सीवर में उतारेगा।