ड्यूटी पर जाने से पहले जवान खुद की राइफल से गोली चलने पर गले पर गोली लग जाने से जवान की मौत हो गई। जवान की मौत की सूचना पर रविवार को थोई थाने के बाहर काफी संख्या में लोग एकत्र हो गए। जहां से लोगों ने डीजे पर बजाते देश भक्ति गीतों व भारत माता के जयकारों के साथ जवान की पार्थिव देह को पैतृक गांव ढाणी मंशया वाली तन नालोट पहुंचाया।
यहां अंतिम दर्शनों के लिए जब जवान की पार्थिव देह उसके घर पहुंची तो कोहराम मच गया। अंतिम दर्शनों के बाद जवान की पार्थिव देह घर से मोक्षधाम के लिए रवाना हुई तो जवान को अंतिम विदाई देने पूरा गांव उमड पड़ा। युवाओं ने भारत माता के जयकारें लगाकर आसमान को गुंजायमान कर दिया। मोक्षधाम में बीएसएफ के जवानों ने पुष्पचक्र अर्पित कर जवान की पार्थिव देह को सलामी दी। शंकर लाल के पुत्र श्रवण कुमार ने मुखाग्नि दी।
इस दौरान पूर्व सांसद स्वामी सुमेदानंद सरस्वती, भाजपा नेता अजय सिंह खर्रा, भाजपा नेता श्याम चौधरी, डॉ मंगल सिंह यादव, बनवारी लाल यादव,थोई थानाधिकारी महेंद्र कुमार आदि मौजूद रहे। हेड कांस्टेबल शंकर लाल 2 माह बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले थे। शंकर लाल के पिता की पूर्व में मृत्यु हो चुकी है। जवान की पार्थिव देह घर पहुंची तो पत्नी सुंदरी देवी, मां तारा देवी, बेटी सुमित्रा का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। लोगों ने परिवार के लोगों को ढांढस बंधाया। बीएसएफ जवान शंकर लाल के एक पुत्र श्रवण कुमार तथा एक पुत्री सुमित्रा है। बेटा श्रवण कुमार एसएसबी में सेवारत है। परिवारजनों के अनुसार के शंकर लाल मिलनसार स्वभाव की शख्सियत था।