scriptVIDEO सीकर जाम : किसानों ने कर रखी है बड़े आंदोलन की ये तैयारियां, कल पूरे राजस्थान में चक्काजाम | SIkar jam update : Rajasthan Farmers agitation 2018 | Patrika News
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VIDEO सीकर जाम : किसानों ने कर रखी है बड़े आंदोलन की ये तैयारियां, कल पूरे राजस्थान में चक्काजाम

Sikar Farmers : किसानों ने सीकर किसान आंदोलन 2017 से भी भंयकर तैयारी की है। 15 दिन तक का राशन लेकर रामूकाबास तिराहे पर जाम लगाए बैठे हैं।

सीकरFeb 23, 2018 / 03:14 pm

vishwanath saini

sikar jam
सीकर. सीकर के रामूकाबास तिराहे पर सीकर-जयपुर रोड जाम किए बैठे किसान बड़े आंदोलन के मूड में है। इस बार किसानों ने सीकर किसान आंदोलन 2017 से भी भंयकर तैयारी की है। सीकर किसान आंदोलन एक से 13 सितम्बर तक बिना हिंसा के चलाकर किसानों ने सरकार को झुका दिया था। अब फरवरी 2018 में किसान 15 दिन तक का राशन लेकर रामूकाबास तिराहे पर जाम लगाए बैठे हैं।
सीकर किसान आंदोलन की सम्पूर्ण कर्ज माफी और स्वामी नाथन आयोग की सिफारिशें लागू करवाने समेत 13 मांगे थी। अब इनमें 22 फरवरी को विधानसभा घेराव के लिए जयपुर ? कूच करते गिरफ्तार किए गए अमराराम समेत अन्य किसान नेताओं की रिहाई की मांग भी शामिल हो गई है।
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गुरुवार सुबह दस बजे शेखावाटी के किसानों से शुरू हुआ हाईवे जाम में अब राजस्थान भर के किसान शामिल हो गए हैं। शनिवार को राजस्थान जाम का भी ऐलान किया गया है। इधर, जाम स्थल रामूकाबास में किसान सभा कर रहे हैं।
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पूरी तैयारी के साथ जयपुर जा रहे थे किसान

किसानों जयपुर कूच के दौरान पूरी तैयारी से पहुंचे थे। किसानों को पहले से आशंका थी कि प्रशासन उन्हें शहर की सीमा से वाहर नहीं जाने देगा। ऐसे में किसान 15 दिन का राशन, खाने-पीने की सामग्री व निर्माण के लिए ईंधन की व्यवस्था भी साथ लेकर पहुंचे थे। रामू का बास तिराहे पर किसानों को रोकने के थोड़ी ही देर बाद वहां खाना बनाने की व्यवस्था शुरू हो गई। बीती रात किसानों ने जाम स्थल पर ही खाना खाया।
रामूकाबास के अलावा यहां भी लगा जाम

जयपुर जाने से रोकने पर तीन अलग-अलग स्थानों पर किसानों के समर्थन में मार्ग पर जाम लगाया गया। जाम की शुरूआत नाथावतपुरा, धोद बाइपास चौराहे से हुई। यहां पुलिस ने बस को रोका तो किसान भी सडक़ों पर उतर आए। इसके बाद सांवली सर्कि ल के पास जाम लगा। रामूकाबास तिराहे पर रात तक सडक़ों पर बैठे रहे।
पहले दिन नहीं चली डेढ़ सौ बसें

जाम के कारण जयपुर मार्ग की 157 से अधिक रोडवेज बसों के पहिए थमे रहे। खंडेला रूट की सभी 14 बस पूरी तरह बंद रही। रोडवेज डिपो पर दिनभर यात्रियों की भीड़ रही लेकिन बस नहीं मिलने के कारण खासी परेशानी हुई। दिनभर डिपो पर कर्मचारी व अधिकारी जाम के वैकल्पिक रास्तों से बसों को भेजने के प्रयास करते रहे। हालांकि रोडवेज की कुछ बसों को रेनवाल मार्ग से जयपुर भेजा गया।
sikar farmer protest
वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन नहीं आए किसान


1 सरकार से मिला न्यौता
किसानों के चक्काजाम के बाद जिला प्रशासन ने किसान नेता सुभाष, हरफूल व सागर खाचरिया को वार्ता के लिए सर्किट हाउस बुलाया। लेकिन किसान नेता नहीं आए। इसके बाद किसान नेताओं को जयपुर में सरकार से वार्ता का भी न्यौता दिया।
2 प्रदेशभर में फैलेगी आग
रामूकाबास में किसानों का पड़ाव शुक्रवार को भी जारी रहेगा। अखिल भारतीय किसान सभा के जिला महासचिव सागर खाचरिया व माकपा के सचिव मंडल सदस्य रामरतन बगडिय़ा ने बताया कि बैठक में यह तय हुआ है कि शुक्रवार को पूरे प्रदेश में किसानों का प्रदर्शन रहेगा।
3 आज बढ़ सकती है परेशानी
किसानों के पड़ाव के कारण आज आमजन की परेशानी भी बढ़ सकती है। किसानों के सितम्बर महीने में हुए ***** जाम के बाद यह आंदोलन छोटे-छोटे गांवों तक पहुंच गया था। छोटे रास्तों पर भी लोग जाम लगाकर बैठ गए थे। शुक्रवार से किसानों के समर्थन में लिंक रोड व छोटे रास्तों पर भी ग्रामीण जाम लगा सकते हंै।
बिना तैयारी के पहुंचा सीकर का प्रशासन व पुलिस जाब्ता

सीकर. प्रदेश में कर्जा माफी के लिए आंदोलन कर रहे किसानों के सामने बिना तैयारी के आया पुलिस-प्रशासन पहली ही बार में फेल हो गया। सीकर से सैकड़ों की संख्या में विधानसभा का घेराव करने जा रहे किसानों को रोकने में गुरुवार को सीकर-जयपुर राजमार्ग पर रामू का बास तिराहे में पुलिस व प्रशासन असहाय सा नजर आया। एकबारगी जब किसानों ने पुलिस को घेर लिया तो पुलिस को भी पीछे हटना पड़ा। बाद में पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता पहुंचने पर सभी किसानों को जयपुर जाने से रोक दिया गया। इससे नाराज होकर किसान रामू का बास में बेमियादी पड़ाव डाल कर बैठ गए। राजमार्ग पर जाम के कारण वाहनों की दो किलोमीटर लंबी कतार लग गई। जिससे राहगीरों के साथ श्याम मेले में आए श्रद्धालुओं को परेशानी सामना करना पड़ा। किसानों ने कर्जा माफी को लेकर अनिश्चितकालीन समय के लिए पड़ाव की घोषणा कर दी। इधर, किसानों ने शनिवार को प्रदेशभर में चक्काजाम करने का ऐलान किया है।
मौके पर किसानों की सभा
किसान नेताओं ने सरकार पर वादा खिलाफी के आरोप लगाए और विरोध प्रदर्शन कर अपने नेताओं की रिहाई की मांग रखी। इस दौरान सभा में किसान नेताओं ने कहा कि सरकार जब तक किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ नहीं करेगी तब तक आर-पार की लड़ाई जारी रहेगी। क्योंकि यह संघर्ष किसी जाति या धर्म को लेकर नहीं है।
यह किसानों के पेट से जुड़ी लड़ाई है। जिसको लेकर वे किसी भी हाल में पीछे नहीं हटेंगे। जाम लगने के पीछे भी उन्होंने सरकार व पुलिस को ही जिम्मेदार ठहराया। सभा के दौरान अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सवले, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव बीजू कृष्णन्न, माकपा के केंद्रीय सदस्य वासूदेव शर्मा, रामरतन बगडिय़ा, सागर खाचरिया, बीएस मील, रूड़सिंह, हरफूल सिंह, कय्यूम कुरैशी आदि मौजूद रहे।

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