बताया जा रहा है कि मंगलवार दोपहर चिकित्सक की पत्नी रिंकू ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। उसके बाद अपने पति को फोन पर आत्महत्या कर लेने की जानकारी दी थी। अपने क्लिनिक पर बैठे छींपा ने फोन आते ही घर जाकर पत्नी को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन स्थिति गंभीर होने के कारण चिकित्सकों ने उसे जयपुर रैफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
जयपुर के एसएमएस अस्पताल में पुलिस ने उसका पोस्टमार्टम करवाया और शव परिजनों को सौंप दिया। रिंकू के पति चिकित्सक हैं और खुद का क्लीनिक चलाते हैं। उद्योग नगर पुलिस के अनुसार मामले में किसी की ओर से शिकायत नहीं आई है। पोस्टमार्टम जयपुर में हुआ है। वहां से रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।
यूं फैली अफवाह
रिंकू की मौत के कुछ देर बाद ही अफवाह फैली कि पति ने भी जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की कोशिश की है। परिजनों ने बताया कि पत्नी की तबीयत खराब होने की सूचना पाकर वे तुरंत घर पहुंचे और उसे अस्पताल ले गए। जहरीला पदार्थ खाने की अफवाह है।
तीन साल बाद भी नहीं मिली जमीन
सीकर. कच्ची बस्तियों में मरीजों को स्वास्थ्य सेवा की सुविधा उपलब्ध कराने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तीन साल बाद भी खुद की जमीन को तरस रहे हैं। मजबूरी में इनको किराए के भवनों में संचालित करना पड़ रहा है। जबकि जमीन दिलाने के लिए जिला प्रशासन से लेकर जयपुर तक पत्र लिखे जा चुके हैं।
जानकारी के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन साल पहले राणी सती स्टेंड, हाउसिंग बोर्ड व अंबेडकर नगर में इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को शुरू करवाया गया था। लेकिन, तीन स्वास्थ्य केंद्र वर्तमान में भी किराए के भवनों में ही संचालित हो रहे हैं।
केंद्रों पर बैठने वाले चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ के अनुसार जगह और सुविधाओं का अभाव होने के कारण यहां आने वाले मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जबकि विभाग के अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। इधर, जिम्मेदारों का कहना है कि खुद के भवन के लिए जगह उपलब्ध कराने के लिए संबंधितों को लिखा जा चुका है। वहां से कोई संतोष जनक जवाब नहीं मिला है।