जैन मुनि तरुण सागर ने हिंदुस्तान में दो बच्चों से ज्यादा पैदा करने पर कानूनी तौर पर रोक लगाने की बात कही है। कड़वे प्रवचन भाग संख्या नौ में उन्होंने कहा है कि यह कानून सबके लिए होना चाहिए। विरोध करने वाले को वोट देने के अधिकार से वंचित और सरकारी सुविधाएं बंद कर देनी चाहिए। ताकि आबादी के विस्फोट को रोका जा सके।
भाग संख्या नौ में जैन मुनि ने कहा है कि राजनीति में रहने की अधिकतम उम्र तय हो। ताकि राजनीति सदा युवा और ऊर्जावान बनी रहे। प्रवचनों में कहा है कि शादी से पहले वर-वधु की कुंडली मिलाई जाती है। 36 गुण मिलाकर शादी करते हैं, इसके बावजूद जीवनभर 36 का आंकड़ा बना रहता है। जबकि कुंडली सास-बहू की मिलानी चाहिए। यदि इनकी कुंडली मिल गई तो घर अपने आप स्वर्ग हो जाएगा। स्वागताध्यक्ष अनुभव सेठी ने बताया कि 13 अगस्त से सुबह साढ़े आठ बजे जैन भवन में तरुण सागर के कड़वे प्रवचनों की दूसरी श्रंखला शुरू होगी।
सुनील बडज़ात्या ने बुधवार को अपना 46वां जन्मदिन श्मशान घाट में मनाया। सुनील ने बताया कि विहार के दौरान
उदयपुर में उन्होंने तरुण सागर से लिए गए नियम के अनुसार कि इंसान को अपना एक जन्मदिन श्मशान घाट में जरूर मनाना चाहिए।
इससे पहले जैन मुनि ने बच्चों से कहा कि उड़ान भरना भविष्य के लिए बहुत जरूरी है। क्योंकि कोशिश करने वालों की जीवन में कभी हार नहीं होती है। कई बच्चे परीक्षा परिणाम में फेल होने पर आत्महत्या करने का कदम उठा लेते हैं। जबकि परीक्षा का परिणाम जीवन आखरी परिणाम नहीं होता है। एेसे में निराशाओं से घबराने की जरूरत नहीं है। जीवन में कुछ एेसा करो कि नगर के नाम से आदमी की नहीं। बल्कि आदमी के नाम से नगर की पहचान कामय हो जाए। पढऩा हमारा लक्ष्य है इसे मत भूलो। पिता को सम्मान दो या फिर अपने नाम के आगे उनका नाम लिखना बंद कर दो। क्योंकि माता-पिता के चरण स्पर्श नहीं करने वालों को आखिर में अपनी पत्नी के चरण छूने पड़ते हैं। उन्होंने आलसी खरगोश की कहानी सुनाकर गतिशील कछुआ बनने की सीख बच्चों को दी।