समारोह में राजनीतिक दृष्टि से उनके विरोधी माने जाने वाले भाजपा नेता रामसिंह कस्वा और सांसद राहुल कस्वा के कार्यक्रम में नहीं आने की खूब चर्चा रही। इसी तरफ इशारा करते हुए राठौड़ ने यह गाना गुनगुनाया। इस पर सभा स्थल पर उपस्थित अनेक लोग कई तरह के मायने लगाते नजर आए। इस मौके राठौड़ ने कहा कि उनका राजनीतिक जीवन बेदाग रहा है। वे जनता के हैं और जनता के लिए समर्पित हंै। मेरा संकल्प है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा की सरकार फिर से काबिज हो और चूरू कांग्रेस मुक्त हो।
Rajendra Singh Rathore Biography in Hindi
-राजेन्द्र राठौड़ का जन्म 21 अप्रेल 1955 को चूरू जिले के सरदारशहर उपखण्ड के गांव हरपालसर में हुआ।
-राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से बीएससी, एमए व एलएलबी करने वाले राजेन्द्र राठौड़ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष भी रहे हैं।
-इनकी शादी 23 फरवरी 1978 को चांद कंवर के साथ हुई। एक बेटा है पराक्रम सिंह।
-राजेन्द्र राठौड़ को राजनीति का लम्बा अनुभव है। 1990-92, 199319-98, 1998-2003, 2003-2008, 2008-2013 में विधायक रहे हैं।
– चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सार्वजनिक निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग व पंचायती राज विभाग आदि में मंत्री रहे हैं।
-वर्तमान में चूरू के विधायक राजेन्द्र राठौड़ का स्थायी निवास ए-5, सैक्टर-2, सैनिक बस्ती चूरू है।
केन्द्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल का पूरा भाषण राठौड़ की प्रशंसा पर केन्द्रित रहा। उन्होंने राठौड़ को विकास पुरुष की संज्ञा दी। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि ऐसे व्यक्ति को मजबूती से पकड़कर रखें। मेघवाल ने कहा कि उनके सांसद बनने में चूरू का भी बहुत योगदान रहा है।
मेघवाल ने कहा कि राठौड़ पब्लिक डिलिंग के मास्टरमाइंड हैं। मैं भी इनसे हर समय सीखने का प्रयास करता हूं। समारोह में कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि राठौड़ कार्यकर्ताओं के प्रति समर्पित रहे हैं। वे हर समय जनता की आवाज बनकर आगे आए हैं। उन्होंने इस दौरान राठौड़ की मांग पर चूरू में दस किसान पथ बनाने की घोषणा की। सभा में भाजपा के अनेक नेता मौजूद थे। इस दौरान मंच पर कार्यकर्ताओं ने राठौड़ का माला पहनाकर स्वागत किया और जन्मदिन की बधाई दी।
चौथी बार चुनाव लडऩे की इच्छा है
संकल्प दिवस समारोह में देवस्थान राज्य मंत्री राजकुमार रिणवा ने कहा कि तीन बार तो चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंच चुके हैं लेकिन चौथी बार रतनगढ़ विधानसभा से फिर चुनाव लडऩे की इच्छा है। इस बात के सभा स्थल पर कई मायने लगाए गए।
सतीश पूनिया पहली बार आए
पिछले काफी समय से राठौड़ का जन्मदिन मनाया जा रहा है। इस बार समारोह में बड़े जाट नेताओं की अनुपस्थिति काफी खल रही थी। इस बार भी उनके धुर विरोधी माने जाने वाले नेता रामसिंह कस्वा नहीं आए। लेकिन राठौड़ ने भाजपा के पूर्व प्रदेश महामंत्री सतीश पूनिया को बुलाकर राजनीतिक बैलेंस जिले में बनाने का नया संकेत दिया है। इससे पहले पूनिया कभी भी राठौड़ के कार्यक्रम में शिरकत करने नहीं पहुंचे हैं।