चुनाव मैदान में डटी राजनीतिक पार्टियों के एजेंडे में भी यह बात नदारद है कि वे युवाओं-बच्चों के भविष्य के लिए क्या करेंगे। युवाओं को स्पर्धा के लिए तैयार करने वाली सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर किसी दल की कोई कार्ययोजना नहीं है। इसीलिए गांवों से पेट पालने के लिए पलायन हो रहा है। चुनाव में ऐसे टिकट दिए गए हैं कि युवाओं की भागीदारी ही नहीं दिखाई दे रही है। युवा भी जाति को लेकर भ्रमित हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के सेवादल, युवा मोर्चा जैसे संगठनों की सक्रियता भी नगण्य है।
विभिन्न स्थानों पर संवाद में आमजन ने यह बात रखी कि सभी पार्टियों का प्रबंधन लगभग एक सा है। योजनाओं की बंदरबांट हो रही है। लेकिन योजनाओं का असल व्यक्ति तक लाभ ही नहीं पहुंच पा रहा है। योजनाओं के नाम पर वोट खरीदने का व्यापार हो रहा है। उम्मीदवार ही नहीं वोट खरीदने के लिए मतदाता की भी प्राइस टैग लगा दी गई है। जबकि मतदाता बिक गया तो वह खरीदने वाले जनप्रतिनिधियों का गुलाम हो जाएगा। इसी तरह महिला संबंधी मुद्दों पर किसी राजनीतिक दल का फोकस नहीं है। संवाद के दौरान प्रदेश में भ्रष्टाचार और अपराध बढ़ने और किसानों की कर्जमाफी नहीं होने जैसे मुद्दे भी उठे।
यात्रा में इन लोगों ने की कोठारी से मुलाकात
यात्रा के दौरान कोठारी से मुलाकात करने वालों में प्रमुख रूप से पूर्व विधानसभाध्यक्ष सुमित्रा सिंह, माकपा के राज्य सचिव अमराराम, धोद के कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश दानोदिया, सीकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनीता गठाला, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष भागीरथ जाखड़, झुंझुनूं के सीए मनीष अग्रवाल, मंडावा पालिकाध्यक्ष नरेश सोनी, झुंझुनूं के सांसद नरेंद्र कुमार, झुंझुनूं भाजपा जिला उपाध्यक्ष प्यारेलाल ढूकिया, नवलगढ़ पालिकाध्यक्ष शोएब खत्री आदि थे।