निकाय चुनाव एक साथ कराने की योजना
झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि प्रदेश में निकाय चुनाव अलग-अलग समय पर कराने की बजाय सभी एक साथ कराए जाएं। उन्होंने बताया कि कुछ निकायों के चुनाव अगले साल नवंबर से शुरू होकर दिसंबर और फिर अंतिम दौर जनवरी 2026 तक होने हैं। ऐसे में सरकार का प्रयास है कि सभी निकायों के चुनाव एक ही बार में करा लिए जाएं। मंत्री के इस बयान से वन स्टेट, वन इलेक्शन मॉडल को लागू करने के संकेत मिलते हैं। मंत्री खर्रा ने बताया कि ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ मॉडल को लागू करने के लिए विधिक विशेषज्ञों से विस्तृत राय ली जा रही है। मामला अब राज्य के महाधिवक्ता के पास भेजा गया है। सरकार चाहती है कि यह प्रक्रिया जल्द पूरी हो ताकि चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सके।
जयपुर, जोधपुर और कोटा में एक मेयर
UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि जयपुर, जोधपुर और कोटा जैसे बड़े शहरों में फिलहाल दो-दो नगर निगम हैं, लेकिन सरकार अब इन शहरों में केवल एक ही नगर निगम और मेयर रखने पर विचार कर रही है। उन्होंने तर्क दिया कि जब मुंबई जैसा बड़ा महानगर, जहां जयपुर जैसे 20 शहर समा सकते हैं, केवल एक निकाय से संचालित हो सकता है, तो राजस्थान के किसी भी शहर में दो निकायों की जरूरत नहीं है।
झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रशासन को अधिक कुशल और प्रभावी बनाना है। एक ही निकाय के मॉडल से बेहतर प्रशासन सुनिश्चित होगा और विकास कार्यों में समन्वय बढ़ेगा।
परिसीमन के बाद होंगे चुनाव- खर्रा
इससे पहले सोमवार को सीकर में मीडिया से बातचीत के दौरान नगर निकाय के चुनावों से जुड़े सवाल के जवाब UDH मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा था कि परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन के बाद जल्द चुनाव करवाए जाएंगे। बता दें, निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति के बाद कांग्रेस बीजेपी पर लगातार निशाना साध रही है।
बजट में वित्त मंत्री ने की थी ये घोषणा
गौरतलब है कि वित्त मंत्री दिया कुमारी ने इस साल के बजट में ‘वन स्टेट वन इलेक्शन’ की घोषणा की थी। इसके पीछे तर्क दिया गया था कि बार-बार चुनाव होने से आचार संहिता लागू होने के कारण सरकारी कामकाज प्रभावित होता है और सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ता है।