यूं समझें खाली पदों का आंकड़ा
प्रदेश में वर्तमान में वरिष्ठ अध्यापकों के 34 हजार व व्याख्याताओं के 18 हजार पद खाली चल रहे हैं। इस बीच वरिष्ठ अध्यापकों की चार सत्र की पदोन्नति भी लंबित है। जिसके होने पर प्रदेश में करीब 20 हजार पद और खाली होकर वरिष्ठ शिक्षकों के कुल करीब 54 हजार पद खाली हो जाएंगे। उधर, पिछली कांग्रेस सरकार में क्रमोन्नत हुई पांच हजार स्कूलों में व्याख्याताओं के पदों की वित्तीय स्वीकृति भी लंबित है। ये होने पर व्यायाताओं के कुल खाली पद भी 34 हजार हो जाएंगे। इसके अलावा व्याख्याताओं व उप प्राचार्य की डीपीसी से होने वाले खाली पदों को भी जोड़ लें तो आगामी समय में दोनों पदों के करीब एक लाख पद खाली हो जाएंगे।
यह है भर्ती का गणित
सरकारी स्कूलों में खाली पदों की एवज में राज्य सरकार ने वरिष्ठ शिक्षकों व व्याख्याताओं के 4331 पदों पर ही भर्ती निकाली है। जिनमें वरिष्ठ शिक्षकों के 2129 व व्याख्याताओं के 2202 पदों की भर्ती प्रक्रिया शामिल है।
ताकि सनद रहे: 12 साल की सबसे छोटी भर्ती
इस बार राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से हो रही स्कूल व्याख्याता की प्रदेश में ये 12 साल में सबसे छोटी भर्ती भी है। इससे पहले 2013 में प्रदेश में 4010, 2015 में 13098, 2018 में पांच हजार व 2022 में छह हजार पदों पर भर्ती हुई थी। इससे प्रदेश के युवाओं में निराशा का माहौल है।
सिर्फ खानापूर्ति हो रही
प्रदेश की 19 हज़ार सीनियर सैकंडरी स्कूलों में पदोन्नति के बाद एक लाख पद रिक्त हो जाएंगे। लेकिन नई भर्ती के नाम पर सरकार सिर्फ़ खानापूर्ति कर रही है। इस कदम से भविष्य के लिए संविदा भर्ती की आशंका लग रही है, जो शिक्षा को निजीकरण की ओर ले जाएगी। उपेंद्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) वरिष्ठ शिक्षकों व व्याख्याताओं की नई भर्ती खाली पदों के हिसाब से उंट के मुंह में जीरा ही साबित होगी। दोनों ही पदों पर सरकार ने काफी कम भर्ती निकाली है। सरकारी स्कूलों के बच्चों का हित देखते हुए सरकार को भर्ती के पदों की संख्या बढ़ानी चाहिए।
बसंत कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ ( रेस्टा) इस भर्ती में पदों की कम संख्या प्रदेश के बेरोजगार युवाओं से खिलवाड़ है। सरकारी स्कूलों में खाली पदों व बेरोजगारों की संया को देखते हुए सरकार को शिक्षक भर्ती के पद बढ़ाने चाहिए।
प्यारेलाल गहलोत, पूर्व जिलाध्यक्ष, राजस्थान एकीकृत बेरोजगार संघ, सीकर