सीकर

लापरवाही बढ़ा रही किडनी की बीमारी, अंगदान संकल्प में सीकर तीसरे स्थान पर

सीकर जिला प्रदेश में अंगदान की शपथ लेने में तीसरे पायदान पर है। प्रदेश में अब तक करीब छत्तीस हजार लोग अंगदान के लिए पंजीयन करवा चुके हैं। सीकर जिले में पंजीकृत लोगों की संख्या 2183 है।

सीकरMar 15, 2024 / 06:22 pm

Puran

लापरवाही बढ़ा रही किडनी की बीमारी, अंगदान संकल्प में सीकर तीसरे स्थान पर


बदलती जीवनशैली के कारण गुर्दा (किडनी) के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। शरीर के अपशिष्ट को बाहर निकालने वाली किडनी के खराब होने पर केवल ट्रांसप्लांट ही विकल्प है चिंताजनक बात है कि देश में हर साल दो लाख से ज्यादा किडनी डोनर की जरूरत है लेकिन महज 14 से 15 हजार किडनी की ट्रांसप्लांट हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार किडनी कई वर्षों में धीरे-धीरे खराब होती है। बीमारी बहुत गंभीर होने से पहले तक कई लोगों को इसके लक्षण का भी पता नहीं चलता है। यही कारण है कि युवाओं में किड़नी फेल होने के कारण कई बार असमय मौत तक हो जाती है। अच्छी और गर्व की बात है कि सीकर जिला प्रदेश में अंगदान की शपथ लेने में तीसरे पायदान पर है। चििक्त्सा विभाग के अनुसार प्रदेश में अब तक करीब छत्तीस हजार लोग अंगदान के लिए पंजीयन करवा चुके हैं। सीकर जिले में पंजीकृत लोगों की संख्या 2183 है।
नियमित रूप से जांच कराएं
किडनी रोग मुख्य रूप से हाई ब्लड प्रेशर, मधुमेह, बाधित मूत्र प्रवाह, संक्रमण, ज्यादा दर्द निवारक दवा ज्यादा खाने से होता है। ऐसे में जिन लोगों में किडनी रोग होने की अधिक सम्भावना हो, उन्हें किडनी की नियमित रूप से जांच करानी चाहिए। बीमारी का शुरुआत में ही पता चलने पर किडनी में होने वाली गंभीर क्षति को रोका जा सकता है।
नेफ्रोन को नुकसान तो किडनी खराब
शरीर से अतिरिक्त अपशिष्ट और तरल पदार्थों को रक्त से अलग करके शरीर से बाहर निकालने का काम किडनी करती है। प्रत्येक किडनी में लगभग एक मिलियन सूक्ष्म फल्टिरिंग इकाइयां होती हैं, जिन्हें नेफ्रॉन कहा जाता है। कोई भी बीमारी जो नेफ्रॉन को नुकसान पहुंचाती है, उससे किडनी की बीमारी भी हो सकती है। मधुमेह और हाई ब्लड प्रेशर दोनों ऐसी बीमारियां हैं, जो नेफ्रॉन को नुकसान पहुंचा सकती हैं। किडनी का रोग का पता केवल ब्लड और यूरिन टेस्ट लगाया जा सकता है।
यूं बचे किडनी रोग से
हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह को कंट्रोल करके किडनी रोग के खतरों को कम किया जा सकता है। क्रोनिक किडनी रोग का निदान शीघ्र करने पर इसे बढ़ने से रोका जा सकता है। किडनी रोग के लक्षण एनीमिया , भूख कम लगना, मूत्र में रक्त आना, मूत्र की मात्रा में कमी आना, पैरों व टखनों में सूजन, काम किए बिना थकान, हाई ब्लड प्रेशर, बार-बार पेशाब लगना, जी मिचलना, शरीर के वजन में अचानक बदलाव और अचानक सिरदर्द होना है।
इनका कहना है
यह बात सही है कि किडनी रोग तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। अच्छी बात है कि अंगदान महाअभियान में सीकर जिला तृतीय स्थान पर है। गंभीर मरीजों को राहत देने के लिए लोगों को अंगदान के लिए आगे बढ़कर पंजीयन करवाना चाहिए।
डॉ. निर्मल सिंह, सीएमएचओ सीकर

Hindi News / Sikar / लापरवाही बढ़ा रही किडनी की बीमारी, अंगदान संकल्प में सीकर तीसरे स्थान पर

लेटेस्ट सीकर न्यूज़

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.