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सीकर में घरों के बाहर सडक़ किनारे कारों की कतारें,ये है हर रात हर गली का सच

किसी के पास गैरेज के लिए जगह है तो घर में हर सदस्य के पास दोपहिया वाहन होने के कारण कार के लिए जगह नहीं बचती।

सीकरJan 23, 2018 / 11:34 am

vishwanath saini

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सीकर. शहर में हर रात को हर गली में कारों की कतारें लगती हैं। कतार लगने का सिलसिला शाम 4 बजे से शुरू होता है, जो रात करीब 10-11 बजे तक जारी रहता है। एक-एक कर कारें आती हैं, सडक़ किनारे खड़ी होती हैं। रात आधी बीतते-बीतते गलियों से लेकर मुख्य मार्गों तक सडक़ों के दोनों किनारे अट जाते हैं। इसके बाद ये गाडिय़ां रातभर वहीं पार्क रहती हैं, जो सुबह 9-10 बजे बाद ही हटती हैं। दरअसल,शहर में बड़ी संख्या में वाहन स्वामी ऐसे हैं, जिनके पास गाड़ी खड़ी करने की जगह नहीं है। किसी का मकान छोटा है, किसी ने पूरा निर्माण कर रखा है।
किसी के पास गैरेज के लिए जगह है तो घर में हर सदस्य के पास दोपहिया वाहन होने के कारण कार के लिए जगह नहीं बचती। किसी के पास कारें दो या इससे अधिक हैं लेकिन घर में जगह एक कार खड़ी करने की ही है। ऐसे में ज्यादातर चौपहिया वाहन रात के समय घरों के बाहर सडक़ किनारे ही खड़े किए जा रहे हैं।
समस्या पूरे शहर की
पार्किंग की समस्या पुराने शहर में ही नहीं बल्कि नई विकसित कॉलोनियों में भी गम्भीर है। शहर में बसाई गईं ज्यादातर कॉलोनियों का बुरा हाल है। पुराने शहर में सडक़ों से लेकर गलियों तक दोनों ओर चौपहिया वाहन खड़े रहते हैं। स्थिति यह है कि ज्यादातर कार मालिकों ने सडक़ों पर जगह ही आरक्षित कर रखी हैं।
इस स्थिति का यह असर
परकोटे में हादसे के समय कई बार एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों को आवागमन में दिक्कतें सामने आती रही हैं। बढ़ते वाहनों के मद्देनजर व्यवस्था बनाए रखने के लिए यातायात पुलिस की संख्या बढ़ानी पड़ रही है, मशक्कत भी बढ़ी है।
यह है स्थिति 

55 हजार से अधिक वाहन दौड़ रहे हैं शहर की सडक़ों पर
10 से लेकर 13 फीसदी तक की दर से बढ़ रहे हैं बीते 5 साल में शहर में वाहन
05-07त्न वाहन दूसरे राज्यों के हैं शहर में
30 से अधिक आवसीय अपार्टमेंट हैं शहर में
150 से अधिक वाहन रोजाना नए उतरते हैं शहर की सडक़ों पर
20त्न से अधिक वाहन खड़े होते है घरों के बाहर (परकोटे में स्थिति ज्यादा खराब)
सिर्फ खानापूर्ति
वर्ष 2012 में हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि चौपहिया और दोपहिया वाहन खरीदते समय पार्किंग की जगह का शपथ पत्र देना होगा। इस आदेश की पूरी पालना करने की बजाय खानापूर्ति की जा रही है। हादसों की स्थितियां भी लगातार बढ़ रही हैं।
ये हो सकते हैं विकल्प
कॉलोनियों में कम्यूनिटी पार्किं ग को विकसित किया जाए
सार्वजनिक परिवहन सेवा को व्यवस्थित किया जाए

ये हैं जिम्मेदार
परिवहन विभाग, यातायात पुलिस

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