पार्किंग की समस्या पुराने शहर में ही नहीं बल्कि नई विकसित कॉलोनियों में भी गम्भीर है। शहर में बसाई गईं ज्यादातर कॉलोनियों का बुरा हाल है। पुराने शहर में सडक़ों से लेकर गलियों तक दोनों ओर चौपहिया वाहन खड़े रहते हैं। स्थिति यह है कि ज्यादातर कार मालिकों ने सडक़ों पर जगह ही आरक्षित कर रखी हैं।
परकोटे में हादसे के समय कई बार एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों को आवागमन में दिक्कतें सामने आती रही हैं। बढ़ते वाहनों के मद्देनजर व्यवस्था बनाए रखने के लिए यातायात पुलिस की संख्या बढ़ानी पड़ रही है, मशक्कत भी बढ़ी है।
10 से लेकर 13 फीसदी तक की दर से बढ़ रहे हैं बीते 5 साल में शहर में वाहन
05-07त्न वाहन दूसरे राज्यों के हैं शहर में
30 से अधिक आवसीय अपार्टमेंट हैं शहर में
150 से अधिक वाहन रोजाना नए उतरते हैं शहर की सडक़ों पर
20त्न से अधिक वाहन खड़े होते है घरों के बाहर (परकोटे में स्थिति ज्यादा खराब)
वर्ष 2012 में हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि चौपहिया और दोपहिया वाहन खरीदते समय पार्किंग की जगह का शपथ पत्र देना होगा। इस आदेश की पूरी पालना करने की बजाय खानापूर्ति की जा रही है। हादसों की स्थितियां भी लगातार बढ़ रही हैं।
कॉलोनियों में कम्यूनिटी पार्किं ग को विकसित किया जाए
सार्वजनिक परिवहन सेवा को व्यवस्थित किया जाए ये हैं जिम्मेदार
परिवहन विभाग, यातायात पुलिस