सीकर. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व शनिवार को मनाया गया। महाशिवरात्रि पर केदार, शंख, शश, वरिष्ठ और सर्वार्थसिद्धि योग मिलकर पंच महायोग बनने से शिव मंदिरों में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा।
सीकर•Feb 18, 2023 / 02:55 pm•
Mukesh Kumawat
सीकर. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व शनिवार को मनाया गया। महाशिवरात्रि पर केदार, शंख, शश, वरिष्ठ और सर्वार्थसिद्धि योग मिलकर पंच महायोग बनने से शिव मंदिरों में दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर नांगल के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर पिछले 700 सालों में ऐसा संयोग नहीं बना है। इस दिन तेरस और चौदस दोनों तिथियां है। ग्रंथों में ऐसे संयोग को शिव पूजा के लिए बहुत खास बताया है। शिवरात्रि पर नव दंपतियों ने जल की दो घड़ चढ़ाकर सफ ल जीवन की कामना की तो वही नवजात शिशुओं की माताओं ने भी भगवान आशुतोष को दो घड़ अर्पित कर बच्चे की लंबी उम्र व सुखी जीवन की कामना की। वही नीमकाथाना क्षेत्र के
टपकेश्वर व बालेश्वर धाम पर सुबह से ही श्रद्धा का सैलाब उमड़ा रहा है। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक कर मन्नतें मांग रहे है। पांचों धामों दपर अलसुबह से रही भक्तों की भीड़ शुरू होने लग गई थी।
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