553 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड में 553 पदों पर भर्ती होगी। ऑनलाइन आवेदन 11 जनवरी तक होंगे। इसमें जूनियर इंजीनियर इलेक्ट्रिकल के 300 पद, सब स्टेशन अटेंडेंट के 253 पद है। अभ्यर्थियों का चयन ऑनलाइन परीक्षा के आधार पर होगा। परीक्षा में ऑब्जेक्टिव टाइप के एक-एक अंक के 100 प्रश्न होंगे। परीक्षा में न्यूनतम 50 फीसदी और आरक्षित श्रेणी के लिए 40 फीसदी अंक लाना अनिवार्य होगा। परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी होगी।
818 पदों पर रक्षा मंत्रालय में भर्ती भारतीय थल सेना में सिविलियन के 818 पदों पर भर्ती होगी। यह भर्तियां विभिन्न यूनिटों के लिए होंगी। कमांड ने इन पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे है। ऑनलाइन आवेदन पांच जनवरी तक होंगे। इसमें मेटेरियल असिस्टेंट, लोअर डिविजन क्लर्क, फायरमैन, स्टेनोग्राफर, ट्रेड्समैन मेट, टेलिफोन ऑपरेटर, सिविल मोटर ड्राइवर के पद शामिल है।
एलडीसी बनने का मौका, 12 तक आवेदन रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाले 27 फील्ड एम्युनिशन डिपो (सी/ओ 56 एपीओ) ने 291 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की है। यह भर्ती ग्रुप-सी के तहत ट्रेड्समैन मेट, एलडीसी समेत विभिन्न पदों के लिए होगी। कई पद खेल कोटे के लिए भी आरक्षित है। आवेदन 12 जनवरी तक भेजना होगा। अभ्यर्थियों का चयन लिखित परीक्षा/स्किल टेस्ट के आधार पर होगा। परीक्षा कुल 150 अंकों की होगी और 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे। परीक्षा की अवधि दो घंटे होगी। प्रश्न पत्र अंग्रेजी और हिन्दी दोनों भाषाओं में होंगे। अभ्यर्थियों को आवेदन पत्र डाक से ही भेजना होगा। इसके लिए वेबसाइट से आवेदन पत्र का प्रोफॉर्मा डाउनलोड करना होगा।
रीट के प्रथम व द्वितीय लेवल की तैयारी के टिप्स : आकलन: आकलन एक संवादात्मक तथा रचनात्मक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा शिक्षक को यह ज्ञात होता है कि विद्यार्थी का उचित अधिगम हो रहा है अथवा नहीं। इसका उद्देश्य निदानात्मक होता है। शैक्षिक संदर्भ में आकलन का उद्देश्य शिक्षण-अधिगम कार्यक्रम में सुधार करना, छात्रों व अध्यापक को पृष्ठपोषण प्रदान करना तथा छात्रों की अधिगम संबंधी कठिनाइयों को ज्ञात करना होता है। यह सम्पूर्ण अकादमिक अवधि के दौरान निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। आकलन शिक्षण शास्त्र का हिस्सा है, जो शिक्षण अधिगम के साथ-साथ चलता है।
मापन: मापन आकलन/मूल्यांकन की एक तकनीक है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति या पदार्थ में निहित विशेषताओं का आंकिक वर्णन किया जाता है। जैसे एक बच्चा परीक्षा में 90 प्रतिशत अंक हासिल करता है। यह उसका मापन है। यह कभी भी या कभी-कभी चलने वाली प्रणाली है। मापन मुख्य तौर पर व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं जैसे- मानसिक क्षमता, रूझान इत्यादि के लिए किया जाता रहा है।
परीक्षा/परीक्षण: परीक्षा तथा परीक्षण आकलन/मूल्यांकन का एक उपकरण/पद्धति है जिसके द्वारा मुख्य रूप से पाठ्यक्रम के ज्ञानात्मक अनुभव कौशल की जाँच की जाती है। छात्र के ज्ञान, क्षमता, कौशल, रूचि आदि की जांच भी जाती है। यह एक निश्चित समय के अन्तराल पर अपनाया जाने वाला उपकरण है, जैसे- मासिक, अर्द्धवार्षिक एवं वार्षिक आदि। पारंपरिक रूप से यह शिक्षण शास्त्र में स्मृति आधारित ज्ञान के लिए होता है तथा शिक्षणेत्तर गतिविधियों के लिए भी होता है।
परीक्षण के प्रकार: प्रमापीकृत परीक्षण/मानक परीक्षण: वे परीक्षण जो किसी निश्चित समय पर निश्चित रूप में लिए जाते हैं। जिसको नीलपत्र के अनुसार तैयार किया जाता है। इस प्रकार की परीक्षाओं में कौन से पाठ से वस्तुनिष्ठ, अतिलघुत्तरात्मक, लघुत्तरात्मक एवं निबंधात्मक प्रश्न लिये जायेंगे का
ध्यान रखा जाता है। इस प्रकार की परीक्षाओं में इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि ज्ञान पक्ष, भावपक्ष एवं क्रियात्मक पक्ष से जुड़े हुए प्रश्न किन प्रकरणों से लेने हैं। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा पूरे राज्य में होने वाली दसवीं व बारहवीं की परीक्षाएँ प्रमापीकृत परीक्षण के उदाहरण हैं।
अप्रमापीकृत परीक्षण/अनौपचारिकपरीक्षण:विद्यालय स्तर पर अध्यापक द्वारा विद्यार्थियों के परीक्षण के लिए समय-समय पर ली जाने वाली परीक्षाएँ इसी प्रकार के परीक्षण माने जाते हैं।
मूल्यांकन:मूल्यांकन एक योगात्मक प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी पूर्व निर्मित शैक्षिक कार्यक्रम अथवा पाठ्यक्रम की समाप्ति पर छात्रों की शैक्षिक उपलब्धि ज्ञात की जाती है। इसका उद्देश्य मूल्य निर्णयन करना होता है। शैक्षिक संदर्भ में मूल्यांकन का उद्देश्य निर्धारित पाठ्यक्रम की समाप्ति पर छात्रों की उपलब्धि को ग्रेड अथवा अंक के माध्यम से प्रदर्शित करना है। यह पाठ्यक्रम की समाप्ति पर होने वाली प्रक्रिया है। शिक्षण शास्त्र का हिस्सा है, जो पढऩे-पढ़ाने के अंत में उपलब्धियों के वर्गीकरण के लिए किया जाता रहा है।
मूल्यांकन की तकनीकी विशेषताएंवैधता– वैधता का अर्थ है कि परीक्षण/परीक्षा उसी योग्यता का मूल्यांकन करे जिसके लिए उसका निर्माण किया गया है।
विश्वसनीयता– किसी समूह की बार-बार परीक्षा लेने पर भी अंक हमेशा प्रथम बार की तरह आते हैं। उस परीक्षा (मूल्यांकन) को विश्वसनीयता कहा जाता है।
वस्तुनिष्ठता– छात्रों के अंकों पर परीक्षक की व्यक्तिगत रूचि का प्रभाव न पड़े। वस्तुनिष्ठ परीक्षण वो ही होगा जिसमें प्रश्न का उत्तर एक ही होगा। वैधता व विश्वसनीयता के लिए वस्तुनिष्ठता का होना जरूरी है।
व्यापकता– सम्पूर्ण पाठ्यक्रम को ध्यान में रखकर प्रश्न पत्र का निर्माण हो।
विभेदकारिता– हर स्तर के छात्रों के अनुसार प्रश्नों का समावेश हो।
मानक– मूल्यांकन में मानक निर्धारित होना चाहिए ताकि छात्रों में तुलना की जा सके।
स्पष्टता- भाषा सरल व बोधगम्य हो।
व्यवहारिकता- छात्र आसानी से समझकर उत्तर दे सकें, समय आदि का ध्यान रखा जाए।
इन दिनों चर्चा में… चाइनाज इंडिया वॉर स्वीडन के सामरिक विशेषज्ञ बर्टिल लिंटनर की किताब चाईनाज इंडिया वॉर के अनुसार माओत्से तुंग ने 1962 में भारत को सॉफ्ट टारगेट देखकर देखकर हमला किया था, ताकि वे किसी बाहरी दुश्मन के खिलाफ चीन को एकजुट करके फिर से अपना पूरा नियंत्रण कायम कर सके। क्योकि उस समय अकाल के कुप्रबंधन और औद्योगीकरण के कारण माओ की लोकप्रियता गिर चुकी थी तथा उनकी सत्ता जाने की संभावना प्रबल हो गई थी।
चार दिवसीय टेस्ट मैचपोर्ट एलिजाबेथ (दक्षिण अफ्रीका) में दक्षिण-अफ्रीका व जिम्बाब्बे के मध्य खेले गए क्रिकेट इतिहास के पहले चार दिवसीय डे-नाइट टेस्ट मैच में दक्षिण अफ्रीका विजयी रहा। इस ऑफिशियल टेस्ट मैच को आईसीसी ने विशेष अनुमति दी।
ड्राइवरलेस मेट्रोभारत में मेट्रो रेल के 15 वर्ष पूरे होने पर देश की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन (मेट्रो) का उद्घाटन किया गया। नोएडा को दक्षिण दिल्ली से जोडऩे वाली इस मेट्रो को मैजेंटा लाइन का नाम दिया गया है।
सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल परीक्षणस्वदेशी एडवांस्ड एयर डिफेन्स सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद भारत विश्व का चौथा देश बन गया है जो मिसाइल से मिसाइल को नष्ट कर सकता है।
अब्दुल कलाम द्वीप (उड़ीसा) पर किए परीक्षण में स्वदेश निर्मित इंटरसेप्टर मिसाइल से हमला करने आती एक अन्य मिसाइल (मॉडिफाइल पृथ्वी मिसाइल) को हवा में नष्ट
किया गया।