सीकर. वर्ष 1971 में भारत के हाथों बुरी तरह से हारने के बाद पाकिस्तान अधिक शातिर बन गया था। वो जानता था कि भारत से यूं सीधा युद्ध करके जीत पाना आसान नहीं है। इसलिए पाकिस्तान ने बेहद खतरनाक चाल चली। जिसे ‘लो कॉस्ट, नो कॉस्ट वार’ के नाम जाता है। ये एक तरह से छद्म युद्ध के समान है।
भारत-पाक युद्ध 1971 : तब शेखावाटी के फौजियों की इस बात पर पूरे देश को हुआ था गर्व यह कहना है कि सीकर के कर्नल जगदेव सिंह का। 16 दिसम्बर 2017 को सीकर के शहीद स्मारक में विजय दिवय कार्यक्रम में शिरकत करने आए कर्नल सिंह ने बताया कि पाकिस्तान वर्ष 1947 व 1965 में भी भारत से युद्ध कर चुका था, मगर 1971 के भारत-पाक युद्ध में उसे ऐसा करारा जवाब और सबक मिला कि पाकिस्तान ने अपने मंसूबे ही बदल डाले। इसके बाद पाकिस्तान ने छद्म युद्ध शुरू करके भारत को नुकसान पहुंचाने की चाल चली।
उसी का नतीजा था कि पाकिस्तान ने पंजाब के बंटवारे के लिए खलिस्तान की मांग करने वालों का समर्थन किया और फिर कश्मीर की घाटी में अलगावादियों का साथ देना शुरू किया, जो आज भी जारी है। छद्म युद्ध पाकिस्तान की नई चाल है।
भारत ने पेश की थी मिसाल कर्नल सिंह की मानें तो दुनिया ने भारत ही एकमात्र ऐसा देश है कि जिसने लड़ाई जीतकर किसी देश को बनाया। वर्ष 1971 के युद्ध से पहले बांग्लादेश पूर्व पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। भारत ने युद्ध जीतने के बाद पूर्व पाकिस्तान पर कब्जा जमाने की बजाय उसे बांग्लादेश के रूप स्वतंत्र देश बनाकर वहां के लोगों को प्रजातांत्रिक व्यवस्था दी।
कर्नल सिंह भी चटा चुके हैं पाक को धूल कर्नल सिंह पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ चुके हैं। हालांकि इन्होंने 1971 की बजाय भारत-पाक 1999 के करगिल युद्ध में हिस्सा लिया था। मूलरूप से सीकर के रहने वाले कर्नल जगदेव सिंह बताते हैं भारत-पाक युद्ध 1971 पर कई फौजी अफसरों ने पुस्तकें लिखीं हैं। कर्नल सिंह ने अधिकांश पुस्तक पढ़ रखी हैं।
Hindi News / Sikar / india pakistan war 1971 : भारत से हार व बांग्लादेश बनने के बाद पाकिस्तान ने चली ये खतरनाक चाल