Father’s Day Special : पिता की यादों से सुकून बांट रही सीकर की बेटी अभिलाषा, शादी के लिए जोड़े पैसों से लगा दिए 2 लाख पौधे
Father’s Day Special : राजस्थान के सीकर जिले में एक बेटी अभिलाषा रणवां अपने पिता के सपनों को पूरा कर रही है। पिता की एक सड़क हादसे में हुई मौत पूरे परिवार को गहरा दर्द दे गई। लेकिन बेटी का पिता के सपनों के जरिए लोगों को राहत देने का संकल्प शहरवासियों को गहरा सुकून दे रहा है।
Plant Baby Abhilasha Ranwan : पिता की एक सड़क हादसे में हुई मौत पूरे परिवार को गहरा दर्द दे गई। लेकिन बेटी का पिता के सपनों के जरिए लोगों को राहत देने का संकल्प शहरवासियों को गहरा सुकून दे रहा है। पिपराली रोड निवासी साहित्यकार मनसुख रणवां की वर्ष 2011 में सड़क हादसे में मौत हो गई। पिता ने बेटी की शादी के लिए 30 लाख रुपए की राशि जोड़ रखी थी। बेटी अभिलाषा रणवां ने पिता की यादों को स्थायी बनाने के लिए उनके नाम से सामाजिक संस्थान का गठन किया। उन्होंने शादी के लिए जोड़े पैसों की एफडी तुड़ाकर समाजसेवा के कार्य में लगाना शुरू कर दिया।
सबसे पहले पौधरोपण की मुहिम शुरू की, इसके जरिए उन्होंने शहर में जगह-जगह पौधे लगाए। इसके बाद शहर के अलग-अलग हिस्सों में वाटिका तैयार कर दी। सरकारी विद्यालयों, महाविद्यालयों, स्मृति वन व सार्वजनिक जगहों पर अब तक शहर में उनके संस्थान की ओर से दो लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके है। फिलहाल शहर में मनसुख रणवां संस्थान की ओर से कस्तूरबा बालगृह, बाल संप्रेषण गृह, जाट छात्रावास सीकर में पुस्तकालयों का निर्माण कराया और बाल संप्रेषण गृह में लावारिस छोड़े जाने वाले बच्चों के लिए पालनागृह भी तैयार कराया है। इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता
डिवाइडरों व जिला कारागृह पर लगवाए पौधे, प्लांट बेबी के नाम से पहचान
सामाजिक कार्यकर्ता अभिलाषा रणवां की ओर से छह साल पहले सीकर शहर के मुख्य मार्ग के डिवाईडरों पर अपनी टीम के साथ पौधे लगाने की पहल शुरू की है। इस पहल को शहरवासियों ने काफी सराहा था। इसके बाद अभिलाषा को शिक्षानगरी में प्लांट बेबी के नाम से पहचान मिली। अभिलाषा सीकर, जयपुर, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, चूरू सहित राजस्थान के अन्य जिलों में भी हरियाली फैलाने का कार्य कर रही है।