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शेखावाटी में उधारी का अंजाम सिर्फ मौत !, तेजी से फैल रहा है सूदखोरी का चक्रव्यूह, खाकी फिर भी मौन

शेखावाटी में उधारी का अंजाम मौत बनकर उभर रहा है! तेजी से फैलते सूदखोरी के चक्रव्यूह ने शेखावाटी में मौत के ऐसे कई उदाहरण खड़े किए हैं!

सीकरJun 24, 2018 / 01:16 pm

Vinod Chauhan

exclusive coverage on usury in shekhawati

शेखावाटी में उधारी का अंजाम सिर्फ मौत

सीकर.

शेखावाटी में उधारी का अंजाम मौत बनकर उभर रहा है! तेजी से फैलते सूदखोरी के चक्रव्यूह ने शेखावाटी में मौत के ऐसे कई उदाहरण खड़े किए हैं! मलकेड़ा के दम्पत्ती की आत्महत्या की घटना के बाद अब प्रवीण बूबना की मौत ने इन उदाहरणों को फिर चर्चा में ला दिया है। स्थिति यह बन गई है कि अब जर, जोरू व जमीन की जंग सूदखोरों के हाथों में पहुंच गई। ऊपर से सरल दिखने वाले इस चक्रव्यूह में फंसा व्यक्ति अपने हर प्रयास के साथ इसमें गहरा धंसता जाता है। दस गुना अधिक ब्याज के साथ मूल नहीं चुकाए तो सूदखोरों की धमकी और यदि ब्याज चुकाए तो परिवार के टूटने का डर। सीकर के व्यापारी प्रवीण बुबना की सुसाइड ने भले ही एकबार फिर सूदखोरों की काली करतूतों को खोला है, लेकिन शेखावाटी की पुलिस ने ठान रखा है कि इन सूदखोरों के खिलाफ कुछ भी नहीं करना है। सूदखोरों से परेशान मलकेड़ा के दंपत्ती के सुसाइड से शुरू हुई कहानी ने पुलिस की मिलीभगत की पोल खोल दी। मामले में आरोपियों के नाम हटाने वाली सीकर पुलिस को बाद में न्यायालय ने भी फटकार लगाई थी। प्रवीण बुबना के मामले भी रसूख वाले सूदखोरों के नाम सामने आने पर बाजार में चर्चा है कि पुलिस कार्रवाई करने से कतरा रही है। सूदखोरी का यह फंदा कितने लोगों की जान लेगा यह तो वक्त ही तय करेगा, लेकिन पुलिस की सुस्ती ने शेखावाटी में सट्टे के साथ सूदखोरी को पनपा दिया है।

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ढाई हजार से अधिक सूदखोर
शेखावाटी में फैले सूदखोरों के अवैध कारोबार से हर कोई प्रभावित हुआ है। तीनों जिलों में करीब ढाई हजार से अधिक सूदखोरों ने हर उस मजबूर को अपने जाल में फंसा रखा है। ब्याज पर ब्याज के साथ पेनल्टी लगाकर मूल से दस गुना अधिक रुपए वसूल रहे हैं। तीनों जिलों में करीब आठ से दस करोड़ का सूदखोरी का कारोबार हर दिन चलता है। सूत्रों की मानें तो शेखावाटी के तीनों जिलों में हर पांचवां व्यक्ति सूदखोरों की चपेट में आया हुआ है। इसके बावजूद पुलिस हर बार मामले दर्ज होने पर महज खानापूर्ति करती है। कई मामले तो थाना स्तर पर ही दबा दिए जाते है।

 

हवाला से सूदखोरी के कारोबार तक
शेखावाटी के करीब पांच लाख से अधिक लोग विदेशों में रहने के कारण यहां हवाला का कारोबार भी जोरों पर रहा है। हवाला के जरिए विदेश से पैसा पहुंचने के बाद यहां कुछ कमीशन लेकर उसे जरूरतमंद के परिवार तक पहुंचाया जाता है। पिछले दिनों में जहां पुलिस के हवाला के काम में कड़ी निगरानी रखने के बाद अब हवाला कारोबारियों ने सूदखोरी के अवैध कारोबार को अपना लिया है। विदेश से आने वाली राशि को यहां सूदखोर दस गुना ब्याज पर जरूरतमंद को देते हैं। जिससे पीडि़त से मूल की बजाय ब्याज चुकान भी मुश्किल हो जाता है।


फुटकर व्यापारी से बड़े कारोबारी तक चपेट में
फुटकर व्यापारी सूदखोरों की चपेट में सबसे ज्यादा है। हालांकि बड़े कारोबारी भी प्रतिमाह दो रुपए से लेकर पांच रुपए प्रति सैकड़ा महीना ब्याज दे रहे हैं। पूरी राशि वसूलने के लिए सूदखोर ने गिरोह तैयार कर रखा है। सूदखोरी के अवैध काम में सरकारी कर्मचारी से लेकर कई लोग जुड़े हुए हैं।

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