श्रद्धा की बहती बयार, रंग गुलाल उडाता भक्तों का रैला, आसमान से होती पुष्प वर्षा और हीरे-मोतियों जड़ी रंग-बिरंगी पोशाक, सिर पर केसरिया पगड़ी पहनकर बनडे से बने बाबा श्याम रथ पर सवार होकर जब खाटू की गलियों से गुजरे तो हर एक श्याम भक्त पलक पावडे बिछाए हुए उनके स्वागत में तैयार खडा रहा। एकादशी को खाटू नगरी के भ्रमण के लिए निकलें। श्याम मंदिर से सुबह सवा ग्यारह बजे रथ पर सवार बाबा श्याम की शोभायात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली गई।
शोभायात्रा के आगे सैकडों श्याम भक्त रंग गुलाल उडाते नाचते हुए चल रहे थे। पूरा खाटूधाम बाबा श्याम के जयकारों से गंजायमान हो गया था। रथ यात्रा के दौरान श्यामभक्तों की भारी भीड लग गई। भीड इतनी की खाटू की गलियां भी छोटी नजर आने लगी। इस दौरान भीड को नियंत्रित करने के लिए पुलिस व स्वयंसेवकों के पशीने छूट गए। शोभायात्रा श्याम मंदिर से श्याम कुण्ड, अस्पताल चौराहा, होटल श्याम, पुराना बस स्टेण्ड होते हुए कबुतरिया चौंक पहुंची।
जहां यात्रा का विसर्जन हो गया। रथ में बैठे श्री श्याम मंदिर कमेटी के ट्रस्टी मोहनदास चौहान और प्रताप सिंह चौहान ने भक्तों को प्रसाद एवं खजाने के रूप में रूपए दिए। प्रसाद और खजाना पाने वालों के सैकडो हाथ रथ की ओर बढते नजर आ रहे थे।
एकादशी पर पंद्रह लाख ने दरबार में नवाया शीश
फाल्गुन माह की एकादशी को बाबा श्याम का मेला पूरे परवान पर था। करीबन पंद्रह लाख श्रद्धालुओं ने दरबार में शीश नवाकर मनौतियां मांगी। श्याम दर्शन को आ रहे भक्त रींगस रोड़ से तीन बिजली ग्रिड, लामिया तिराहे से लखदातार मैदान में बने बडे जिगजैग के बाद एक छोटे से गुजरने के बाद मुख्य मैदान बाबा श्याम मैदान में बने जिगजैग से गुजरने के बाद बाबा श्याम की मूरत के दर्शन हो रहे है।
दिल्ली से आए श्याम भक्त महेश अग्रवाल, मुंबई के अंकित, हरियाणा के मनोज ने बताया कि दर्शन में तकरीबन पांच घंटे का समय लगा।