पत्रिका से खास बातचीत में अमराराम ने कहा कि मोदी लहर का गुब्बारा अब फूट चुका है। भाजपा सरकार ने जनता को पिछले विधानसभा चुनाव के समय काफी सपने दिखाए थे। लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ। इसका ही नतीजा है कि उपचुनावों में भाजपा की करारी हार हुई है। उनका कहना है कि प्रदेश का हर वर्ग परेशान है, इसलिए चुनाव से पहले ही सरकार का विरोध तेज हो गया है।
तीसरा मोर्चा बना तो देंगे साथ
यदि प्रदेश में तीसरा या संयुक्त मोर्चा बनता है तो माकपा पूरी तरह उनके साथ रहेगी। किसान आंदोलन के दौरान सभी नेताओं ने इसका ऐलान भी किया था। तीसरे मोर्च का अगुवा कौन होगा यह भी जल्द तय होगा। क्योकि प्रदेश की जनता राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस दोनों के राज को देख चुकी है, लेकिन समस्याएं नहीं बदली। इसलिए प्रदेश की जनता को अब तीसरे मोर्चे से उम्मीद है। इसलिए अब तीसरा मोर्चा बनाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
माकपा के राज्य सचिव से पत्रिका की खास बातचीत
सवाल: विधानसभा चुनाव में माकपा कितनी सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी।
जवाब: माकपा प्रदेश की 35 से अधिक विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारेगी।
सवाल: विधानसभा चुनाव में पार्टी के क्या मुद्दे रहेंगे।
जवाब: सरकार ने सुराज संकल्प यात्रा के दौरान 15 लाख नौकरी देने का वादा किया था। लेकिन अभी तक तीन लाख युवाओं को भी नौकरी नहीं मिली है। प्रदेश में युवा, किसान, मजदूर व व्यापारी सरकार की नीतियों के कारण परेशान है। सबसे ज्यादा हालत खराब किसानों की है। प्रदेश में अपराध का ग्राफ बढ़ गया है। इन्ही मुद्दों को लेकर पार्टी जनता के बीच जाएगी।
सवाल: विधानसभा चुनावों में जीत का रूटमैच क्या रहेगा।
जवाब: पिछले विधानसभा चुनाव की स्थिति कुछ अलग थी। इस बार माकपा दुगनी ताकत के साथ चुनाव जीतेगी। सरकार से लोगों की नाराजगी का फायदा सीधे तौर पर मिलेगा यही जीत का बड़ा रूटमैप है।
सवाल: इस बार यदि संयुक्त मोर्चा बनता है तो माकपा का क्या रूख रहेगा।
जवाब: माकपा भी संयुक्त मोर्चा में शामिल होकर भाजपा को सत्ता से बाहर करने का काम करेगी।
सवाल: विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार कब तक तय होंगे।
जवाब: लगातार जनता के बीच रहकर संघर्ष करने वालों को माकपा टिकट देती है। भाजपा व कांग्रेस की तरह हमारे यहां धनबल के दम पर टिकट नहीं दिया जाता है। हमारे उम्मीदवार लगभग तय है।
सवाल: आप कौनसे विधानसभा क्षेत्र से चुनाव की तैयारी कर रहे है।
जवाब: पार्टी जहां से भी मैदान में उतारेगी मैं वहां से तैयार हूं। फिर भी सीकर जिले से तैयारी है।
सवाल: किसान आंदोलन के बाद सरकार ने कर्जामाफी का ऐलान भी किया था। लेकिन किसानों को राहत क्यो नहीं मिल पाई।
जवाब: किसानों के आंदोलन के बाद सरकार ने समझौता किया। इसमें 11 मांगों पर सहमति बनी। लेकिन सरकार अपने वादे पर पूरी तरह खरी नहीं उतरी। इसलिए अब 22 फरवरी को प्रदेशभर के किसान जयपुर कूच करेंगे।