दंश झेल चुका है फतेहपुर ( Duplicate Wine Making )
फतेहपुर क्षेत्र ने वर्षों पहले शराब दुखांतिका का बड़ा दंश झेला है। वर्ष 1992 में हुई प्रदेश की पहली शराब दुखांतिका में 20 से अधिक लोग मारे गए थे। इसके बाद भी जिले में इस कारोबार की जड़ कमजोर नहीं हो पाई। पुलिस ने राणोली इलाके में स्प्रीट से भरा टैंकर पकड़ा था। इसके अलावा सीकर शहर में दो बार स्प्रीट से शराब बनाने की नकली फैक्ट्री पकड़ी गई थी।
खिरोड़ के पास ढाणी में तो ट्रक में ही नकली शराब बनाने की फैक्ट्री चलाई जा रही थी। पुलिस और आबकारी विभाग ने स्प्रीट परिवहन के कई मामले पकड़े हैं, लेकिन पुलिस की कार्रवाई जप्ती और मौके पर मिले लोगों की गिरफ्तारी तक सीमित रही।
सरकारी सप्लाई से चोरी कर लाई गई है स्प्रीट
फतेहपुर सदर थाना इलाके के हरसावा गांव के पास जीप से जप्त की गई आठ सौ लीटर शराब सरकारी सप्लाई से चोरी कर लाई गई थी। जीप में स्प्रीट से भरे चार ड्रम के साथ एक पाइप भी मिला है। ऐसे में माना जा रहा है कि स्प्रीट को टैंकर से पाइप लगाकर चोरी किया गया है। सरकारी सप्लाई की स्प्रीट गंगानगर, पंजाब, उत्तरप्रदेश व अजीतगढ़ स्थित फैक्ट्री से शुगर मीलों में भेजी जाती है। स्प्रीट चोरी की वारदातों को देखते हुए इन टैंकरों के जीपीएस व अन्य सुरक्षा के मानक भी लगाए गए हैं, लेकिन हरसावा के पास पकड़ी गई स्प्रीट से जाहिर है कि स्प्रीट की चोरी रुक नहीं पा रही है।
पुलिस गाड़ी मालिक की पहचान कर स्प्रीट लाने वाले अपराधियों की पहचान करने में जुटी है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि स्प्रीट का नकली शराब बनाने में उपयोग कहा पर किया जाना था। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही मामले का खुलासा हो सकेगा। -कुशाल सिंह खींची,पुलिस उप अधीक्षक, फतेहपुर