लॉकडाउन में की गीता याद, परिवार को सिखाया सुबह चार बजे उठना
सातवीं कक्षा के छात्र कौटिल्य को पढऩे का शौक शुरू से रहा। इस्कॉन के संतों से जुड़ाव होने पर उसने लॉकडाउन में ही गीता का अध्ययन शुरू किया। जिसे पूरी पढऩे के साथ उसने व्याख्या सहित दो बड़े महत्वपूर्ण अध्याय याद भी कर लिए। पिता नंदकिशोर पारीक ने बताया कि कौटिल्य सुबह चार बजे उठकर माला जाप व पूजा अर्चना शुरू कर देता है। उससे प्रेरणा पाकर पूरे परिवार ने ही सुबह जल्दी उठकर धार्मिक गतिविधियां शुरू कर दी है। स्कूल की पढ़ाई में अव्वल कौटिल्य घरेलु काम भी बखूबी करता है।
वीर रस का बाल कवि
कौटिल्य वीर रस की कविताओं में माहिर बाल कवि है। कवि राम भदावर की रानी पद्मावति पर लिखी ‘रतन सिंह आजाद हुए तो..’ हो या मां दीप कंवर पर खुद की लिखी ‘बगड़ावतों की वो बेटी ..’ कविता हो वह पूरे लय, गति, प्रवाह व भावभरे स्पष्ट शब्दों के साथ उन्हें सुनाता है। उसकी खुद की लिखी कविता भी काफी तारीफें बटोर चुकी है।
सोशल मीडिया पर 10 लाख तक दर्शक
कौटिल्य कई राजनीतिक, धार्मिक व सामाजिक मंचों पर कविता पाठ कर चुका है। जहां लाखों दर्शकों को वह भाव विभोर कर चुका है। सोशल मीडिया पर भी कौटिल्य के लाखों प्रशंसक है। जो उसके निजी यू ट्यूब चैनल के अलावा अन्य चैनल पर प्रसारित होने वाली उसकी कविताओं को खूब सुनते व साझा करते हैं। कई चैनल पर तो कौटिल्य अपनी कविताओं से पांच से 10 लाख दर्शक हासिल कर चुका है।
रामभदावर व कुमार विश्वास कर चुके सराहना
कोटिल्य के पद्मनी के खण्ड काव्य को खुद कवि रामभदावर भी सराह चुके हैं। सोशल मीडिया पर वायरल कोटिलय की कविता को उन्होंने भी अपने फेसबुक पेज पर साझा किया था। इसी तरह राम शक्ति पूजा की प्रशंसा करने के साथ कवि कुमार विश्वास तो कौटिल्य के साथ मंच साझा करने की पेशकश भी कर चुके हैं।