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छत्तीसगढ़ से आए जंगली हाथी की ट्रैंकुलाइज करने के बाद सीधी जिले में मौत

बड़ी खबर: ट्रैंकुलाइज हाथी की घोघी शिविर में मौत, बांधव टाइगर रिजर्व ले जाने की थी योजना

सीधीSep 24, 2018 / 03:00 pm

suresh mishra

See how population of vertebrates declined by half since 1970 says wwf

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सीधी। जिले के कुसमी अंचल में उत्पात मचाने वाले पांच बिगड़ैल हाथियों में से एक की शनिवार-रविवार की रात मौत हो गई। 15वर्षीय हाथी की मौत की वजह अभी स्पष्ट नहीं, पर विभागीय सूत्र बताते हैं कि ट्रैंकुलाइज करने के बाद से ही वह बीमार था। उसे घोघी शिविर में रखा गया था और रविवार को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ले जाने की तैयारी चल रही थी। इसके पहले ही उसने दम तोड़ दिया। शव का पीएम कराने के बाद दफना दिया जाएगा। हाथी की मौत के बाद विभाग में हड़कम्प मचा है।
ये है मामला
बता दें कि बीते चार अगस्त को हाथियों का झुंड कुसमी जनपद के ग्राम कुंदौर पहुंचा था। चार-पांच अगस्त की दरम्यानी रात से तांडव शुरू हुआ, जिसकी चपेट में कुंदौर, पोड़ी, करौंटी, अमगांव, मेढ़की, झपरी, शंकरपुर, परासी, ओड़इसा, चरकी, माटा, नौढिय़ा, घोघी, रतवार, दूबीडोल गांव थे। उत्पात से परेशान ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन किया। उसके बाद क्षेत्र संचालक संजय टाइगर रिजर्व सीधी ने प्रतिवेदन भेजा था कि छग की सीमा से आए पांच जंगली हाथी सीधी जिले के कई ग्रामों में घरों, परिसंपत्तियों व फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन 12 दिन चला
इस पर मुख्य वन जीव अभिरक्षक के अनुमोदन पश्चात अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी भोपाल ने गत 4 सितम्बर को हाथियों का वन क्षेत्र से रेस्क्यू कर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व उमरिया में क्राल बनाकर रखने का निर्देश दिया। इसके बाद बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक मृदुल पाठक के नेतृत्व में हाथियों को ट्रैंकुलाइज करने का रेस्क्यू ऑपरेशन 12 दिन चला। पांचों हाथियों को ट्रैंकुलाइज किया गया। चार हाथी बांधवगढ़ शिफ्ट कर दिए गए जबकि अंतिम हाथी को रविवार को ले जाने की तैयारी थी।
शिविर स्थल में तोड़ा दम
हाथियों को ट्रैंकुलाइज करने के बाद शासकीय प्राथमिक शाला घोघी जनपद मझौली में बनाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन शिविर में रखा गया था। शिविर में ही बीमार हाथी की मौत हो गई।
हाथी की मौत किस वजह से हुई, पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। चार हाथी बांधवगढ़ भेजे जा चुके हैं। यह अंतिम था, जिसे रविवार को ले जाना था।
बृजेंद्र झा, वनमंडलाधिकारी, सीधी

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