जिला अस्पताल में ऑपरेशन सुविधा बंद होने से सर्वाधिक परेशानी जटिल प्रसव के प्रकरणों में हो रही है। क्योंकि साधारण प्रसव के प्रकरण कब जटिल प्रसव में तब्दील हो जाएंगे, ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ जाएगी इसकी कोई गारंटी नहीं रहती है। ऐसी स्थिति में अंतिम समय में प्रसव के लिए प्रसूता को रीवा अस्पताल के लिए रेफर करना चिकित्सकों के लिए मजबूरी बन जाती है। रेफर करने के बाद मरीजों व उनके परिजनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो प्रसूताओं के जान पर भी बन आती है।
जिला अस्पताल में पिछले छह माह से आपरेशन सुविधा बंद है, तब से लेकर अब तक जटिल प्रसव के प्रति माह आधा सैकड़ा प्रसूताओं को रीवा के लिए रेफर किया जा रहा है। इसके साथ ही, दुर्घटना में गंभीर ऐसे घायलों जिन्हें ऑपरेशन की आवश्यकता होती है उन्हें भी रेफर करना पड़ता है।
अक्टूबर के आखिरी सप्ताह शासन ने जिला अस्पताल में चार चिकित्सकों की पोस्टिंग की थी, जिसमें से सर्जरी स्पेस्लिस्ट डॉ. वर्षा शुक्ला को रीवा से सीधी, मेडिसिन स्पेस्लिस्ट डॉ. अविनाश जान धार्वे पहले भी जिला अस्पताल में पोस्टेड थे, पीजी कंपलीट होने के बाद इनकी शासन स्तर से नए सिरे से पोस्टिंग की गई। वहीं एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉ.मोह.इलयास अनूपपुर से जिला अस्पताल सीधी, डॉ.अजीत सिंह रेडियो डाग्रोस्टिक शहडोल जिले से जिला अस्पताल सीधी पदस्थ किए गए हैं। ये सभी चिकित्सक अभी पीजी कर रहे थे, पीजी कंपलीट होने के बाद नए सिरे से इनकी पोस्टिंग की गई थी। लेकिन पुराने चिकित्सक डॉ. अविनाश जान ने ही ज्वाइन किया है, शेष चिकित्सकों ने ज्वाइन नहीं किया।
डॉ. केपी गुप्ता, प्रभारी सिविल सर्जन, जिला अस्पताल सीधी