आपको बता दें कि बीते 29 जनवरी को मझौली थाना पुलिस चौकी पथरौला अंतर्गत ग्राम गिजवार मौहरी टोला में एक 10 महीने के अज्ञात बच्चे का शव मिला था। ग्रामीणों द्वारा इसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। सूचना पर चौकी प्रभारी पथरौला द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक डॉ. रविंद्र वर्मा खुद घटनास्थल पर पहुंचे और जांच टीम को कार्रवाई के जरूरी दिशा निर्देश दिए। वहीं टीम ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा उसके बाद शव का अंतिम संस्कार कराया। वहीं, मामला दर्ज करते हुए पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 302, 201 समेत अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया।
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मुखबिर की सूचना पर मिला सुराग
जांच के दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम गिजवार सदनिहा टोला में रहने वाला प्रदीप सिंह पिता राजेद्र सिंह गोड़ पिछले दो साल से अपनी प्रेमिका के साथ गुजरात के सूरत शहर में रह रहा था। जानकारी ये भी मिली कि उनका एक बच्चा भी था। प्रदीप सिंह बच्चे का शव मिलने से कुछ दिन पहले ही गांव आया हुआ है। लेकिन उसके साथ कोई बच्चा नहीं है। इसपर पुलिस ने संदेह के आधार पर प्रदीप और उसकी प्रेमिका विभा को पूछताछ के लिए उठाया। इसपर प्रदीप पुलिस क गोलमोल जवाब देता रहा, लेकिन जब विभा से पुलिस ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वो तीनों ही गुजरात से एक साथ लौटे थे, लेकिन प्रदीप बेटे आर्यन को लेकर अपने घर आया था। इसपर पुलिस के सामने सारी हकीकत आ गई।
पिता ने कबूल की बेटे की हत्या
पुलिस ने जब प्रदीप सिंह से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने पुलिस के सामने बेटे की हत्या के राज खोलते हुए पुलिस को बताया कि, करीब 2 साल पहले वो अपनी प्रेमिका विभा सिंह गोड़ के साथ सूरत गुजरात काम करने गया था। यहां वो बिना शादी किए लिवइन में एक साथ रहने लगे। इसी प्रेम-प्रसंग के चलते मार्च 2023 को उनके यहां एक बेटा हुआ, जिसका नाम उन्होंने आर्यन सिंह रखा। हालांकि दोनों के इस रिश्ते के बारे में प्रदीप और विभा के परिजन को कोई जानकारी नहीं थी।
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इस तरह की बेटे की हत्या
बीती 25 जनवरी को प्रदीप और विभा अपने 10 महीने के बेटे आर्यन को लेकर घर आ रहे थे, लेकिन रीवा पुराना बस स्टैंड पर प्रदीप और विभा के बीच किसी बात पर कहा सुनी हो गई, जिसके चलते उसने प्रदीप के साथ जाने से मना कर दिया और वहां से अपने घर के लिए अकेले निकल गई। इसपर प्रदीने अपने बेटे को लेकर गिजवार स्थित अपने घर लौट रहा था। पुलिस पूछताछ में प्रदीप ने बताया कि उसने सोचा था कि पहले चुपचाप बच्चे को लेकर घर में चला जाउंगा, जहां घर वालों को सारी हकीकत बताने के बाद जो संभव होगा करूंगा। लेकिन घर के पास पहुंचते ही अचानक बच्चा रोने लगा। इसपर प्रदीप को डर लगा कि उसकी ये करतूत कहीं गांव के लोगों
के सामने न खुल जाए, इसलिए उसने तुरंत ही बच्चे का गला दबाकर हत्या कर दी।
आरोपी पिता का कहना है कि बच्चे की हत्या के बाद वो और ज्यादा डर गया। आनन फानन में उसने गांव के रहने वाले बलजीत सिहं गोड़ के खेत में हाथों से गड्ढा खोदा और बच्चे को उसमें गढ़ा दिया। साथ ही उसके कपड़े और दूध की बाटल पास में ही छिपा दी, जिसे चार दिन बाद ग्रामीणों ने देख लिया, जिसपर मामला उजागर हो गया।