दरअसल ये हैं एमपी की लखपति दीदी (Lakhpati Didi)। नौहरीकलां गांव में रहने वाली किशोरी रावत का नाम देश की लखपति दीदी की सूची में शामिल हो गया है। अभी तक तो किशोरी समूह के माध्यम से लोन आदि लेकर अपने कामकाज को किशोरी आगे बढ़ा रहीं थीं तथा गांव की दूसरी महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बना रहीं थीं, लेकिन अब लखपति दीदी बनने के बाद, उन्हें इस क्षेत्र में और भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
प्रधानमंत्री के हाथों से सम्मान प्राप्त करने वाली किशोरी रावत ने बताया कि पहले वे भी घरेलू ग्रामीण महिला थी, जो चौका-चूल्हा तक सीमित थी। जब वे गांव में संचालित लखेश्वरी स्व सहायता समूह से जुड़ी तो छोटा लोन लेकर एक दुकान खोली, फिर एक सिलाई सेंटर शुरू किया। इसमें 10 महिलाओं को काम दिया, साथ ही चार महिलाओं को सत्तू बनाने का काम दिया।
किशोरी ने बताया कि इन कार्यों से उन्हें हर महीने 50 से 60 हजार की आमदनी होती है। किशोरी की तीन बेटी और एक बेटा है। बेटा इंदौर में सीए की पढ़ाई कर रहा है, जबकि बेटियां शिवपुरी में पढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने पूछा दीदी आप क्या काम करती हो प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित होने वाली किशोरी ने बताया कि मुझे बहुत खुशी है कि मुझे यह सम्मान मिला।
लखपति दीदी स्कीम (Lakhpati Didi Scheme) एक स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम है। इस स्कीम में सरकार की ओर से महिलाओं को स्किल ट्रेनिंग दी जाती है। ताकि वे पैसा कमाने योग्य बन सकें। इससे वे अपना आर्थिक स्तर सुधार पाएंगी। इस स्कीम में महिलाओं को एलईडी बल्ब बनाने और कई अन्य कार्यों के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इस स्कीम को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से चलाया जाता है।
– व्यापार की रणनीति और मार्केट्स तक पहुंच बनाने में आपकी मदद की जाती है।
– लखपति दीदी योजना में बिजनेस शुरू करने के लिए लोन दिया जाता है।
– इसके साथ ही महिलाओं को सेविंग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
– इसमें कम खर्च में इंश्योरेंस कवरेज की भी सुविधा मिलती है।
वे कहती हैं कि प्रधानमंत्री इतने बड़े आदमी हैं, उनसे हम कभी जीवन में नहीं मिल पाते, लेकिन लखपति दीदी सम्मान ने हमारे सपने को साकार कर दिया। बकौल किशोरी, प्रमाण पत्र देते समय प्रधानमंत्री ने हमसे पूछा था कि दीदी आप क्या काम करती हो, तो हमने उन्हें अपना पूरा काम बताया।
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