scriptपर्ची में कैसे बता देते लोगों की समस्याएं और निदान, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने खुद खोला राज | How did Pandit Dhirendra Shastri tell people's problems and solutions in the slip | Patrika News
शिवपुरी

पर्ची में कैसे बता देते लोगों की समस्याएं और निदान, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने खुद खोला राज

dhirendra shastri एमपी के करैरा के बाबा का बाग बगीचा में बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री की भागवत कथा चल रही है।

शिवपुरीDec 06, 2024 / 03:45 pm

deepak deewan

dhirendra shastri

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एमपी के करैरा के बाबा का बाग बगीचा में बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री की भागवत कथा चल रही है। इस दौरान यहां दिव्य दरबार भी लगाया गया। गुरुवार को आयोजित हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री के इस दिव्य दरबार में एक लाख से अधिक श्रद्धालु आए। दरबार में उन्होंने कई लोगों की पर्ची बनाकर समस्याएं बताईं, और उनका निदान भी सुझाया।
दिव्य दरबार के दौरान पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पर्ची बनाकर समस्याएं और निदान बताने का राज भी बताया। उन्होंने यहां हिंदू एकता की भी बात दोहराई।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार में लोग सुबह से ही जुटने लगे थे। ग्वालियर संभाग सहित कई राज्यों से करीब एक लाख से लोग इस कार्यक्रम में आ जुटे। दरबार सुबह 10 बजे से शुरू होना था, लेकिन दोपहर 1 बजे प्रारंभ हुआ। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पर्ची बनाकर एक-एक कर कई लोगों की समस्याएं सुनीं और उनका यथासंभव निदान भी बताया।
दिव्य दरबार में कुछ लोग झूमते हुए भी नजर आए। ऐसे लोगों को प्रेत आत्माओं से पीड़ित बताया गया जिनका पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इलाज किया। कार्यक्रम में बालाजी की जय हो के नारे लगते रहे।
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दरबार में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पर्ची लिखकर लोगों की समस्याएं और निदान बताने का राज भी खोला। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि हम कोई चमत्कार या जादू नहीं करते। हमारे पास कोई शक्ति नहीं है, हम पर तो बागेश्वर वाले बालाजी की कृपा है। उन्हीं के आशीर्वाद से लोगों की समस्याओं का निदान किया जाता है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है, लेकिन बालाजी को पाने के लिए कुछ खोना नहीं बल्कि बालाजी को पाना पड़ता है। हम तो अनपढ़, गवार व देहाती आदमी हैं। सबकुछ बालाजी का है, हम तो उनके सेवक मात्र हैं।
कलियुग से लेकर हर युग में हनुमानजी की पूजा होती है और वे ही सभी के कष्टों को हरने वाले हैं। हम यह दिव्य दरबार अपने किसी लाभ के लिए नहीं करते, बल्कि इस दरबार को लगाने का उद्देश्य केवल इतना है कि लोग दूसरे धर्मों की शक्तियों को देखकर अपना धर्म तक बदल लेते है। हमारा प्रयास है कि हिंदू अपना धर्म न बदले, इसलिए हम यह दरबार लगाकर उनकी समस्याओं को बालाजी द्वारा निदान करवाते हैं।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने धर्महीन लोगों पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि एक बात स्पष्ट बोलते हैं कि अगर कोई बोलता है कि भगवान नहीं है, कोई शक्ति नहीं है, तो ऐसा बोलने वाले की ठठरी बंधे।

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