बंधुआ मजदूरी का खुलासा
प्रशासन को सूचना मिली थी कि मानिकपुर गांव में कुछ मजदूरों को बंधक बनाकर काम कराया जा रहा है। कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी के निर्देश पर एसडीएम उमेश कौरव, पुलिस और लेबर इंस्पेक्टर आशीष तिवारी की टीम ने गांव में छापा मारा। यहां मजदूर बेहद खराब स्थिति में काम करते हुए पाए गए। जांच के दौरान पता चला कि मजदूरों को छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से लाया गया था। पहले उन्हें भिंड और ग्वालियर में काम कराया गया और तीन दिन पहले शिवपुरी भेजा गया। मजदूरों ने बताया कि उन्हें उचित वेतन और खाना तक नहीं दिया जा रहा था। मुक्त कराए गए चार नाबालिगों की उम्र 15-16 वर्ष के बीच है। प्रशासन ने सभी मजदूरों को छत्तीसगढ़ वापस भेजने की व्यवस्था की है। ठेकेदार और उसके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एसडीएम उमेश कौरव ने बताया कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ये है मजदूरों के नाम
छुड़ाए गए मजदूरों के नाम है- अजीत उम्र 16 साल, राजू उम्र 16 साल, राजेश उम्र 20 साल, सुंदर सहाय उम्र 15 साल, नानसाय उम्र 19 साल, संतोष उम्र 16 साल, कुलदीप उम्र 22 साल, मदन कुमार उम्र 32 साल। यह सभी मजदूर छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के रहने वाले है।