यहां कोई दिन हादसे के बगैर नहीं गुजरता
बदरवास थाना क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण नेशनल हाइवे दिल्ली से मुंबई जाता है जो कि थाना क्षेत्र में लगभग 25 किलोमीटर का क्षेत्र कवर करता है। साथ ही, क्षेत्र में अन्य सड़कें भी हैं, जिन पर भी ट्रैफिक अच्छी संख्या में गुजरता है। बदरवास क्षेत्र में सबसे अधिक रोड एक्सीडेंट फोर लेन नेशनल हाइवे पर होते हैं। ऐसा कोई दिन नहीं, जिस दिन यहां कोई सड़क दुर्घटना घटित न हो और उसमें कोई हताहत न होता हो। सबसे अधिक दुर्घटनाएं दो पहिया वाहनों से हो रहीं हैं। खास बात ये है कि , यहां मृतकों संख्या भी सबसे ज्यादा मोटर साइकिल सवारों की ही रहती है।सड़क दुर्घटनाओं में दो पहिया वाहन बने सबसे अधिक शिकार
बदरवास क्षेत्र में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक संख्या दो पहिया वाहनों की है। सड़क पर बड़े वाहनों के शिकार हो रहे दो पहिया वाहनों पर बैठे लोग ही सबसे अधिक हो रहे हैं। इन दो पहिया वाहनों की दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण इनके चालकों का यातायात नियमों का सही से पालन न करना है। कुछ दुर्घटनाओं में बड़े वाहनों की गलती रहती है, लेकिन सर्वाधिक दुर्घटनाओं के शिकार हुए लोगों में दो पहिया वाहन चालकों की गलती रही है। आजकल दो पहिया वाहन इतनी अधिक संख्या में हैं और रोजाना नए वाहन सड़कों पर आ रहे हैं, लेकिन इन्हें चलाने वाले लोगों में यातायात के नियमों की जानकारी का अभाव और जागरूकता की कमी है। अंधाधुंध तरीके से कई बार नशे की हालत में वाहन चलाने से दुर्घटनाएं हो रही हैं।साल भर में सैकड़ों दुर्घटनाएं
बदरवास थाना क्षेत्र में रोजाना सड़क दुघटनाएं होती हैं और इनमें रोजाना ही लोग हताहत हो रहे हैं। बात अगर बीते साल यानी 2024 की करें तो करीब तीन सैकड़ा सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें सैकड़ों लोग गंभीर घायल हुए और इन तीन सैकड़ा सड़क दुर्घटनाओं में करीब तीन दर्जन से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं। सालभर में इतनी सड़क दुर्घटनाएं और मृतक तथा हताहतों की इतनी बड़ी संख्या चिंता का विषय बन गई है। अगर सिर्फ दो पहिया वाहनों पर ही सख्ती कर दी जाए। इनमें भी प्रमुख तोर पर नशे में वाहन चलाने वालों और बिना ड्राइविंग लाइसेंस वाले वाहन चालकों पर विशेष फोकस किया जाए तो काफी हद तक सड़क दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है।थाना बदरवास क्षेत्र में साल 2024 में हुए सड़क हादसे और मौतें
माह ——- मौतजनवरी —– 5
फरवरी —– 7
मार्च —– 3
अप्रैल —– 1
मई —– 2
जून —– 4
जुलाई —– 1
अगस्त —– 3
सितंबर —– 1
अक्टूबर —– 3
नवंबर —– 1
दिसंबर —– 3
ब्लैक स्पॉट- जहां सबसे ज्यादा होते हैं एक्सीडेंट
बदरवास से निकले नैशनल हाइवे पर ऐसे कई स्थान हैं, जहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इन दुर्घटनाओं में लोग जान से हाथ धो बैठते हैं। लगातार दुर्घटनाओं होती रहती हैं और ब्लैक स्पॉट यथावत हैं, इनमें कोई सुधार या परिवर्तन नहीं हुए हैं।ये क्षेत्र भी हादसों के हॉट स्पॉट
-ग्राम कुल्हाड़ी-दीघोद
-बामोर जीरो प्वाइंट
-नवीन तहसील के सामने
-श्रीपुर पुरुषोत्तम धाम
-गुना बायपास
-ग्राम सुमेला
-रेलवे ओवर ब्रिज
-ग्राम ईसरी
-अटलपुर