वजहः 1000 पुरुष पर 877 महिलाएं
महिलाओं की खरीद-फरोख्त की बड़ी वजह लिंगानुपात का अंतर है। शिवपुरी में एक हजार पुरुषों पर 877 महिलाएं हैं। यानी प्रति हजार में 123 लड़कों को लड़की नहीं मिल पाती है।
राज्यमंत्री के क्षेत्र में दलाल
राज्यमंत्री सुरेशराठखेड़ा के पोहरी विधानसभा क्षेत्र में दर्जनों ऐसे गांव हैं, जिनमें सैकड़ों परिवारों के यहां ओडिशा, बिहार और महाराष्ट्र की युवतियां बिना विवाह के रह रही हैं।
क्षेत्र में घूमते हैं फोटो लेकर
क्षेत्र में दलाल सक्रिय हैं, जो लड़कियों के फोटो लेकर घूमते हैं। जिसे जरूरत होती है, वह दलालों से संपर्क करता है। फोटो पसंद करने के बाद दलाल अपना हिस्सा जोड़कर रेट तय करते हैं और युवतियां लाते हैं।
एक्सपर्ट कमेंट
शिवपुरी के एडवोकेट अभय जैन कहते हैं कि इस तरह के मामले दैहिक व्यापार जैसे अपराध है। महिला बाल विकास विभाग को सर्वे करवाना चाहिए, ताकि ऐसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा सके।प्रशासन को भी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
केस-1
12 साल हुए लेकिन सम्मान नहीं मिला
पोहरी में एक जैन परिवार के बेटे की उम्र ज्यादा होने से शादी नहीं हो रही थी। उसने दलाल से संपर्क किया, जो उसके दो भाइयों को लड़की दिलवा चुका था। दलाल ने पांच-छह लड़कियों के फोटो दिखाए, जिसमें युवक ने महाराष्ट्र गोंदिया की लड़की को पसंद किया। दलाल ने रुपए लेकर लड़की उपलब्ध करा दी। 12 साल हो गए, लेकिन उसे वह सम्मान नहीं मिला, जिसकी वह हकदार थी।
केस-2
गरीब थी, दलाल ने मुझे बिकवाया
पोहरी के ही समसपुर में ओडिशा के धर्मपुरा गांव की एक लड़की 10 साल पहले से है। महिला का कहना है कि परिवार में चार बहनें हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। इसलिए दलाल ने बिकवा दिया। यहां पर आकर जो हालात मिले, उनमें ज्यादा अंतर नहीं लगता। शुरुआत में तो यहां की बोली ही समझ नहीं आती थी।