सवाल-आपने कुर्सी पर भगवान राम की तस्वीर क्यों बिठाई?
जवाब-मैं भगवान श्री राम का दास हूं और वे ही यहां विराजेंगे, उनकी आशीर्वाद से ये दायित्व मिला है।
सवाल-तो क्या अब आप इस कुर्सी पर नहीं बैठेंगे?
जवाब-ये कुर्सी तेा उनकी ही है, हम तो उनके सेवक हैं, लिहाजा हम उनके सामने बैठेंगे और काम करेंगे।
सवाल-ऐसे में क्या प्राथमिकता रहेगी?
जवाब-अब तो सत्र का अंत है और परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। लेकिन जुलाई से मैं पूरा प्रयास करूंगा कि नियमित कक्षाएं लगें और शत-प्रतिशत बच्चे कक्षाओं में आएं।