योजना के तहत जीर्णोद्धार के लिए शहर में 3 बावडिय़ां का चयन किया गया है। जिसमें उत्कृष्ट विद्यालय में मौजूद काजीजी की बावड़ी और बीवीजी की बावड़ी सहित शीतला पाड़ा की बावड़ी शामिल है। इसके साथ ही 7 कुएं भी चिन्हित किए गए हैं। इन 10 जलसंरचनाओं को फिर से नया जीवन दिया जाएगा, ताकि भविष्य में लोगों को शुद्ध जल सहज मिल सकेगा। हालांकि प्रोजेक्ट की वास्तविक लागत डीपीआर बनने के बाद सामने आएगी, लेकिन बताया जा रहा है कि इस पर लगभग 1 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
इंजीनियरों ने किया सर्वे
ऑस्टे्रलिया की कंसलटेंसी स्मेक कंपनी के फील्ड इंजीनियर अनुराग वाष्र्णेय ने नपा के सब इंजीनियर धर्मेंद्र पटेल, नपाकर्मी आसीम पाशा और अन्य टीम के साथ चिन्हित 7 कुएं और 3 बावडिय़ों का सर्वे किया। साथ ही डीपीआर बनाने के लिए स्थितियोंं का आंकलन किया।
अमृत 2.0 योजना के तहत शहर के 7 कुएं और 3 बावडिय़ों का जीर्णाेद्धार कराया जाएगा। इसके लिए शासन से नियुक्त ऑस्ट्रेलिया की कंसलटेंसी कंपनी द्वारा डीपीआर बनाई जा रही है।
धर्मेंद्र पटेल
सब इंजीनियर, नगरपालिका श्योपुर