जानिए कितनी होती हैै आमदनी
छह माह पूर्व एनआरएलएम द्वारा जिला मुख्यालय पर शुरू किए गए एएम प्रसादम् दीदी कैफे (रेस्टोरेंट एवं भोजनालय) के संचालन समिति के सदस्य के रूप में भी सरोज काम कर रही हैं। वह कैश काउंटर संभालती हैं। रेस्टोरेंट में 10 महिलाओं और परिवारों के सदस्यों को रोजगार मिल रहा है। कैफे में प्रतिदिन 500-600 लोग आ जाते हैं और प्रतिमाह 15 से 20 हजार रुपए की आमदनी हो जाती है।
सब्जियों की खेती से की थी शुरुआत
सरोज के परिवार के पास पांच बीघा जमीन है। सिंचाई के साधन नहीं होने से वर्षाआश्रित फसलें ही होती थीं। पांच साल पहले सरोज ने अन्य महिलाओं के साथ मिलकर एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत महात्मा गांधी स्वसहायता समूह बनाया और ऋण लेकर खेत में ट्यूबवेल कराया। ट्रांसफॉर्मर लगवाकर सिंचाई की व्यवस्था की परंपरागत के साथ मिर्ची और अन्य सब्जियों की खेती शुरू की। इससे परिवार की आजीविका बढ़ी। जानकारी के लिए बता दें कि सरोज स्वयं ग्रेजुएट है, लिहाजा एनआरएलएम ने बैंक मित्र की भी जिम्मेदारी दी। इसमें मानदेय मिलता है। समूह के माध्यम से गणवेश सिलाई का काम भी किया।