आपको बता दें कि, वन अमले पर हमले का ये मामला जिले के रघुनाथपुर थाना इलाके के रामपुरा-भैरूपुरा गांव के पास स्थित जंगल का है। यहां जंगल को अपने पूर्वजों की पुश्तैनी जमीन बताकर वहां पर शहरी आदिवासी समाज के लोग खेती कर रहे हैं। यही नहीं, ये लोग यहां कई झोपड़ियां बनाकर रह भी रहे थे। जब वन विभाग की टीम बुधवार को अतिक्रमण हटाने पहुंची तो ग्रामीणों ने उनपर लाठी-डंडों से हमला करते हुए पत्थराव भी कर दिया।
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डिप्टी रेंजर और ड्राइवर घायल
ग्रामीणों के हमले में सामान्य वन रेंज के डिप्टी रेंजर रामजीलाल भारती और वन टीम को मौके तक ले जाने वाले एक ड्राइवर घायल हुए हैं। यही नहीं, टीम के अन्य वनकर्मियों को भी मामूली चोटें आई हैं। बताया जा रहा है कि, ग्रामीणों ने वन टीम की दो गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
ग्रामीणों द्वारा वनकर्मियों पर किए गए हमले का एक वीडियो भी सामने आया है। सामने आए वीडियो में हमलावर वन विभाग टीम को खदेड़ते और लाठी-डंडे लेकर डिप्टी रेंजर की बंदूक छीनते नजर आ रहे हैं।
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भाजपा विधायक के पास पहुंचे ग्रामीण
घटना के बाद सभी ग्रामीण भाजपा विधायक सीताराम आदिवासी के पास पहुंच गए। यहां ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि, वन विभाग के कर्मचारियों ने उनकी झोपड़ियां तोड़ दी और उनके साथ मारपीट की है। इसपर विधायक सीताराम मीणा ने वन विभाग पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, वन विभाग फर्जी काम करवाकर शासन को चूना लगा रह है। वहां पर सरिया आदिवासी समाज की जमीन है, वो जमीन उन्हीं की है। फिर भी ये लोग मनमानी कर रहे हैं, जबकि जमीन राजस्व की है और कई लोगों के पास उसके पट्टे भी हैं।