राजस्थान से बहकर आई एक नाव को निकालने के लालच में राजपुरा के चार ग्रामीण पार्वती नदी में कूद गए, लेकिन बहाव तेज होने के कारण चारों ही नाव के साथ बह गए। हालांकि दो लोग तो कुहांजापुर पुल पर ही कूद गए, लेकिन दो लोग आगे बह गए, जिन्हें बड़ौदिया बिंदी गांव के निकट ग्रामीणों की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया।
बताया गया है कि सोमवार की सुबह पार्वती नदी का जलस्तर बढऩे के बावजूद राजस्थान से बहकर आई एक बड़ी नाव को निकालने के चक्कर में राजपुरा गांव के चार ग्रामीण नदी में कूद गए। हालांकि उन्होंने नाव को पकड़ लिया, लेकिन नदी का बहाव तेज था, लिहाजा नाव के साथ ये लोग भी बहने लगे। खतरा भांप कर दो लोग तो कुंहाजापुर पुल पर कूदकर बाहर निकल आए, लेकिन घनश्याम सेन और मोहन मीणा नहीं कूद पाए।
इसके बाद बड़ौदिया बिंदी के पास ग्रामीणों ने इन्हें देख तो रस्सी आदि डालकर नाव सहित दोनों को बाहर निकाल लिया गया। इसके बाद थाना प्रभारी राजेश शर्मा के नेतृत्व में बड़ौदा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। जिसके बाद दोनों को सुरक्षित उनके गांव पहुंचा दिया गया।
कोटा बैराज से चंबल में छोड़ा 4 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी
मप्र के मालवा और राजस्थान में हो रही बारिश से चंबल भी सीजन में पहली बार रौद्र रूप की ओर बढ़ रही है। यही वजह है कि इस सीजन में पहली बार सोमवार की दोपहर को कोटा बैराज से 13 गेट खोलकर 3 लाख 94 हजार 575 क्यूसेक पानी चंबल में छोड़ा गया। हालांकि इस पानी का असर मंगलवार की सुबह तक दिखेगा, लेकिन रविवार की शाम से लगातार डिस्चार्ज पानी से चंबल में आज दोपहर 12 फीट का अंतर दिखा। दोपहर 1.30 बजे चंबल का जलस्तर 192.50 मीटर पर था, जो दोपहर 3 बजे 196.16 मीटर पर पहुंच गया।
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श्योपुर-सवाई माधोपुर मार्ग
क्षेत्र में भारी बारिश के बाद सोमवार की सुबह सोंई के निकट कंकरेडी का नाला उफान पर आ गया, जिससे श्योपुर-सवाईमाधोपुर मार्ग पर आवागमन बंद रहा। हालांकि नाले का जलस्तर लगभग 4 घंटे बाद सामान्य हुआ, लेकिन इस मार्ग पर 2 घंटे तक आवागमन पूरी तरह अवरुद्ध रहा और उसके बाद जलस्तर कम होने पर स्थानीय युवाओं ने लोगों को सडक़ पार कराई।