17 सितंबर 2022 को कूनो में पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नामीबिया से लाए 8 चीतों को छोड़ा। दूसरे चरण में 18 फरवरी 2023 को द. अफ्रीका से लाए 12 चीते छोड़े। इनमें से 13 विदेशी चीते बचे हैं। कूनो में जीवित शावकों की संख्या 14 है। इस तरह देशी चीते (Indian Cheetah) ज्यादा हो गए।
अभयारण्य (Gandhi Sagar Abhyaranya) में चीतों का प्रमुख शिकार हिरण कम संख्या में है, जिसे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। प्रस्तावित प्रोजेक्ट में 1500 हिरण शिफ्ट करने की योजना है, जिसमें 300 हिरण लाए जा चुके। बाकी चीतलों की शिफ्टिंग की जा रही है।
अभयारण्य में 9 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बाड़ा तैयार कर दिया है। कुछ स्थानों पर कच्ची सड़कें बनाई है, ताकि जब चीतों को छोड़ा जाएगा तो उसके बादे में निगरानी करने में सहूलियतें हो। सीसीटीवी कैमरे के पाइंट तक तय कर लिए है। इस पर 17 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च की है।
चीतों को गांधी उज्जैन संभाग के मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर अभयारण्य में बसाए जाने को लेकर तैयारियां पूरी कर ली है लेकिन पूरी प्रक्रिया एनटीसीए से ही तय होनी है। हमें जो तैयारियां करने के निर्देश मिले थे, उनका पालन किया जा रहा है। बाड़ा, क्वारंटाइन, तार फेंसिंग और शाकाहारी वन्यजीवों की शिफ्टिंग का काम 80 फीसदी तक पूरा कर लिया है।
-असीम श्रीवास्तव, वन बल प्रमुख, मप्र
कूनो नेशनल पार्क में 10 मार्च को मादा चीता गामिनी ने 5 नहीं 6 शावकों को जन्म दिया है। इसकी पुष्टि सोमवार की सुबह हुई, जबकि चीता गामिनी (Cheetah Gamini) के हटने के बाद मॉनिटरिंग टीम ने शावकों के पास जाकर नई तस्वीर ली। किसी मादा चीता गामिनी द्वारा एक साथ 6 शावकों को जन्म देना कूनो (Kuno National Park) में ये पहली बार हुआ है।