घटना शामली के जलालाबाद नगर पंचायत के मोहल्ला मोहम्मदीगंज में डॉक्टर प्रभात बंगाली का परिवार रहता है। रविवार को डॉ प्रभात बंगाली की 50 वर्षीय बहन बालामती की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। मृत्यु होने के बाद डॉ बंगाली के परिवार ने बहन के अंतिम संस्कार के लिए मोहल्ले के लोगों से कहा लेकिन कोई भी नहीं आया। लोगों को लगा कि डॉक्टर की बहन की मौत कोरोना से हुई है लेकिन इसका भी कोई प्रमाण नहीं था। डॉक्टर ने मौहल्लेवासियों से कहा कि उसकी बन की मौत कोरोना से नहीं हुई लेकिन कोई नहीं मानाय़ जब काफी देर बाद भी कोई कंधा देने नहीं आया तो डॉ प्रभात बंगाली ने नगर पंचायत चेयरमैन अब्दुल गफ्फार व अधिशासी अधिकारी विजय आनंद से गुहार लगाई।
हद तो समय हो गई जब महिला के शव के लिए कूड़ा उठाने वाली गाड़ी को भेज दिया गया था। इस तरक महिला के शव को कूड़ा ढुलाई करने वाली गाड़ी में रखकर होली कल्लर शमशान घाट ले जाया गया जहां शव का दाह संस्कार किया। महिला के शव को कूड़ा गाड़ी में ढोए जाने की फोटो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस पूरे मामले में नगर पंचायत पदाधिकारियों का कहना है कि शव का कोई भी संस्कार नहीं कर रहा था। उनकी कोरोना योद्धा टीम ने शव ने संस्कार कराया है।