इस दौरान नागरिकता संशोधन कानून एवं एनआरसी का कड़ा विरोध करने के लिए लोगों से राय ली गई। बैठक में पहुंचे जमीयत उलेमा-ए-हिंद के पश्चिम उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मौलाना अकील ने हाल ही में सरकार की ओर से बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद हमेशा देश की सलामती के लिए काम करती हैं। देश की हिफाजत करना हर नागरिक का कर्त्तव्य है। उन्होंने सभी से गलत चीज का साथ न देने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश में हर जगह नागरिकता संशोधन कानून का विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओऱ् से बताया जा रहा हैं कि कुछ लोगों की ओर से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा हैं। वहीं, मौलाना ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध सुप्रीम कोर्ट के वकील भी कर रहे हैं, क्या सुप्रीम कोर्ट के वकील अनपढ़ हैं?
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नागरिकता संशोधन कानून को आगे चलकर इसे किसी के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, इसकी क्या गारंटी हैं? एनआरसी लागू करने के बाद किसको नागरिकता देंगे, किसको नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति दूसरे देश में परेशान हैं औऱ् वह हमारे देश में आए तो सरकार उसे नागरिकता दे, हमें कोई दिक्कत नहीं हैं। लेकिन, जब एक तबके को खास तौर से कानून से बाहर निकाला जाता है तो हमें इसी शब्द पर एतराज है। सरकार द्वारा जिस तरह से सीएए जैसे कानून लाए जा रहें हैं, उससे शक पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो कानून सरकार बनाती हैं, वो न तो कुरआन हैं, न गीता हैं, न गुरु ग्रंथ हैं। इनका विरोध नहीं किया जा सकता, लेकिन सरकार द्वारा बनाए गए गलत कानून का विरोध किया जा सकता हैं। किसी भी गलत चीज का विरोध करने का कानून ने हमें हक दिया हैं।
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मौलाना आकिल ने कहा कि प्रशासन की ओर से धारा 144 लगाकर किसी का गला नहीं घोटा जा सकता। जैसा कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते वक्त किया गया। उनके लिए धारा 144 लगने का हवाला दिया जा रहा हैं, लेकिन जो कानून का समर्थन करते हुए बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहें हैं। उनके लिए कुछ नहीं है। हमें कानून के खिलाफ आवाज उठानी हैं। मुल्क के खिलाफ किसी भी आवाज का विरोध जमीयत उलेमा-ए-हिंद डटकर करेगी। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने के लिए सबसे पहले प्रशासन से परमिशन लेने की कोशिश की जाएंगी। उन्होंने पुलिस प्रशासन से कहा कि हमें विरोध करने के लिए रोका न जाएं। इस दौरान समस्त जमीयत उलेमा-ए-हिंद के पदाधिकारी मौजूद रहें।