दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में महिला दरोगा अंजू का कहना है कि 25 जुलाई को उनकी कांधला थाने से कैराना में पोस्टिंग हुई थी। वह नारी सशक्तिकरण में एंटी रोमियो स्कवायड की प्रभारी हैं। आरोप है कि कैराना कोतवाली प्रभारी प्रेमवीर राणा उन पर अनावश्यक दबाव बनाते हैं और बात न मानने पर उनकी रपट लिख देते हैं। वह सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक ड्यूटी करती हैं। कभी-कभी कोतवाल उनके साथ कार्यक्रम में जाते हैं तो दस भी बज जाते हैं। इस तरह से वह 16-17 घंटे ड्यूटी करती है।
आरोप है कि इसके बावजूद कोतवाल उन्हें सभी के सामने अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहते हैं कि वह कुछ काम नहीं करती। महिला दरोगा का कहना है कि किसी परेशानी की वजह से अनुपस्थित होने या दवा लेने कमरे पर चले जाने पर कोतवाल उन्हें टॉर्चर करते हैं और उनकी रपट लिख देते हैं। वायरल वीडियो में महिला दरोगा कह रही हैं कि वह कोतवाल की शिकायत लेकर एसपी के यहां गई थीं, लेकिन एसपी के न मिलने पर वह सहारनपुर में डीआईजी से मिलीं। डीआईजी ने उनकी बात को सुना। डीआईजी ने उन्हें आश्वस्त किया है कि इस बात पर संज्ञान लिया जाएगा। वहीं एसपी ने इस मामले की जांच सीओ कैराना को दी है। जांच के बाद दोषी पर कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।