बता दें कि, उमरिया हवाई पट्टी के जरिये राहुल गांधी दिल्ली रवाना होने के लिए निकले थे। इससे पहले उमरिया जिले के जंगलों में उन्होंने अपना काफिला रुकवा लिया। राहुल गांधी ने जंगल में महुआ बीन रही आदिवासी महिलाओं के साथ न सिर्फ महुआ बीना, बल्कि महिलाओं के साथ काफी देर चर्चा भी की।
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उमरिया में राहुल गांधी मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। भारतीय जनता पार्टी द्वारा कांग्रेस के घोषणा पत्र को मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र कहे जाने के सवाल पर चुप्पी साध ली। राहुल गांधी को सुबह 6 बजे उमरिया से उड़ान भरनी थी। लेकिन फ्यूल समय पर नहीं पहुंचने से करीब 1 घंटे बाद वो उमरिया से रवाना हुए।
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आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी सोमवार को जनसभा को संबोधित करने शहडोल आए थे। उनका हेलीकॉप्टर समय से फ्यूल नहीं आने की वजह से उड़ान नहीं भर सका था। जिसके बाद राहुल गांधी को शहडोल के एक निजी होटल में रात्रि विश्राम करना पड़ा। यहां मंगलवार की सुबह 5 बजे बाई रोड शहडोल से उमरिया के लिए रवाना हुए थे।