सिवनी

जिले में हो रहे रेत के अवैध खनन की सरकार को नहीं है खबर

– विधायक ने कहा हो रहा अवैध रेत खनन, मुख्यमंत्री ने कहा नियमों पर दी अनुमति

सिवनीDec 19, 2024 / 06:24 pm

sunil vanderwar

नदी में हो रहा रेत खनन।

सिवनी. जिले की सबसे बड़ी रेत खदान हिर्री नदी पर केवलारी-बरघाट विकासखण्ड क्षेत्र में है। यहां पिछले कई वर्षों में रेत खनन को लेकर कई बार विवाद हुए, वाहन पकड़े गए और विभागीय कार्रवाई भी की गई हैं, लेकिन रेत का अवैध खनन नहीं रूका। अब इस मामले को केवलारी विधायक रजनीश सिंह ने मप्र के विधानसभा सत्र में उठाते हुए प्रदेश सरकार से जानकारी मांगी, जिस पर मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि इस मामले में कोई शिकायत या खबर नहीं मिली है। केवलारी विधायक ने हिर्री नदी पर खुर्सीपार माल की रेत खदान में ठेकेदार द्वारा एनजीटी एवं ई.सी. (एनवायरमेंट क्लीयरेंस) के नियमों की अवहेलना कर रेत खनन करने का मामला उठाते हुए जवाब मांगा था।
विधानसभा के प्रश्नकाल में केवलारी विधायक ने प्रश्न उठाया था कि खदान की नीलामी में प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए अवैध खनन किया गया है। कहा कि वर्ष 2023-24 में खुर्सीपार माल में रेत खदान नीलामी में प्रक्रिया का पालन न करते हुए अवैध तरीके से ई.सी जारी कर दी गई। इसकी शिकायत ग्राम बागडोंगरी के ग्रामीणों ने जनसुनवाई में दी थी। ग्रामीणों के साथ विधायक, जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य, सरपंच व पंचों ने 24 मई 2024 को आपत्ति भी दर्ज कराई थी। इसके बावजूद भी रेत खदान की ई.सी. जारी कर दी गई। इस मामले में शासन से कहा कि क्या जांच कर खदान निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

कहा खनन नियमों का नहीं हुआ पालन
विधायक ने बताया कि नियम अनुसार खदान ठेकेदार को नदी के नदी के दोनों किनारों से पांच-पांच मीटर जगह छोडकऱ उत्खनन किया जाना था, लेकिन नियम विरूद्ध नदी के किनारों से मशीनों से उत्खनन कराया गया, जिससे किसानों की कृषि भूमि नदी में समा गई। अवैध खनन के कारण नष्ट हुई कृषि भूमि का मुआवजा कौन देगा, दिया जाएगा तो कब और नहीं तो क्यों? साथ ही कहा कि खनिज विभाग ने पूर्व में क्षेत्रवासियों की शिकायत पर भी ठेकेदार पर कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया।

मुख्यमंत्री ने दिया ये जवाब
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधायक के अवैध खनन व अनुमति पर उठाए प्रश्न पर जानकारी देते हुए कहा कि ठेकेदार द्वारा अवैध उत्खनन किए जाने के सम्बंध में कोई भी मामला जानकारी में नहीं आया है। बताया कि सिवनी जिले में स्वीकृत रेत खदानों के लिए एमपी स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन भोपाल से चार सितम्बर 2023 को आशय पत्र जारी किया गया था। इसके बाद ठेकेदार ने खनन योजना, पर्यावरणीय अनुमति, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल एवं वायु सम्मति छह जून 2024 को प्राप्त होने के बाद वैधानिक अनुमतियों के मुताबिक उत्खनन कार्य किया जा रहा है। किसानों की कृषि भूमि नष्ट होने जैसे कोई विषय जानकारी में नहीं आए हैं।

कमजोर नहरों का उठाया मामला
विधायक ने जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट से केवलारी विधानसभा क्षेत्र की नहरों के सीमेंटीकरण के प्रस्ताव, स्वीकृत राशि व कार्य करने की समय अवधि की जानकारी मांगी। मंत्री ने बताया कि मप्र शासन के प्रस्ताव अनुसार भारत सरकार ने संजय सरोवर परियोजना की नहरों एवं स्ट्रक्चर्स के सीमेंटीकरण, मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव ई.आर.एम के तहत 27 जुलाई 2023 को हुई एडवायजरी कमेटी की बैठक में अनुमोदन के बाद छह अक्टूबर 2023 को इन्वेटमेंट क्लीयरेंस कमेटी की बैठक में मार्च 2023 के प्राइस लेबल पर राशि 332.54 करोड़ स्वीकृति प्रदान की है। वर्तमान में कार्य की स्वीकृति प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना अंतर्गत भारत सरकार की ओर मिलना बाकी है। कार्य किए जाने की समय सीमा बताना संभव नहीं है।

संविदा नियुक्ति मामले में मांगी जानकारी
केवलारी विधायक ने मुख्यमंत्री से प्रश्न किया कि निगम मंडल व शीर्ष सहकारी संस्थाओं से सेवानिवृत्त सेवायुक्त जो ईपीएफओ अंतर्गत पेंशन (दो हजार से पांच हजार तक) प्राप्त कर रहे हैं। इनमें से किन-किनको संविदा नियुक्ति मिली है। विभाग से जारी वेतन सम्बंधी आदेश एवं संविदा नियुक्ति पर वेतन निर्धारण की जानकारी मांगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मप्र सिविल पदों पर संविदा नियुक्ति नियम 2017 में शासकीय सेवकों को सेवानिवृत्ति के बाद संविदा नियुक्ति का प्रावधान है। निगम, मंडल व शीर्ष सहकारी संस्थाओं से सेवानिवृत्त सेवायुक्त को शासन स्तर पर संविदा नियुक्ति देने का सामान्य प्रशासन विभाग से कोई निर्देश नहीं है।

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