बेटियों को मिले मास्क एवं बैंड
वन एवं बाघ संरक्षण का संदेश देने के लिए सभी बेटियों को मास्क एवं बैंड का वितरण किया गया। वन्यप्राणी सप्ताह की भी हुई शुरुआत
बेटियों के फीता काटने के बाद पेंच के टुरिया गेट, कर्माझिरी गेट और जमतरा गेट पर पहले दिन हरी झंडी दिखाकर पर्यटन की शुरुआत की गई। डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया कि पेंच टाइगर रिजर्व के कोर जोन के सभी गेट मंगलवार से खोल दिए गए। साथ ही वन्यप्राणी सप्ताह 2024 की शुरुआत भी हो गई। इस मौके पर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी को दुनिया की सैर कराओ’ पहल की शुरुआत की गई। जिसके तहत गांवों की बेटियों को जंगल सफारी का मौका दिया गया। इस अनोखी पहल का उद्देश्य न केवल उन्हें जंगल और वन्यजीवन से जोडऩा है बल्कि उनकी सोच और जीवन को एक नई दिशा देना भी है। पेंच के फील्ड निदेशक देवा प्रसाद ने पेंच टाइगर रिजर्व में इस पर्यटन सीजन के लिए आधिकारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर आरम्भ किया। कहा कि बेटियां पूरे आसमान में सपनों की उड़ान भरें, खूब पढ़ें और आगे बढ़ें। पेंच में छात्राओं को जंगल सफारी के साथ वन व बाघ संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
वन एवं बाघ संरक्षण का संदेश देने के लिए सभी बेटियों को मास्क एवं बैंड का वितरण किया गया। वन्यप्राणी सप्ताह की भी हुई शुरुआत
बेटियों के फीता काटने के बाद पेंच के टुरिया गेट, कर्माझिरी गेट और जमतरा गेट पर पहले दिन हरी झंडी दिखाकर पर्यटन की शुरुआत की गई। डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया कि पेंच टाइगर रिजर्व के कोर जोन के सभी गेट मंगलवार से खोल दिए गए। साथ ही वन्यप्राणी सप्ताह 2024 की शुरुआत भी हो गई। इस मौके पर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी को दुनिया की सैर कराओ’ पहल की शुरुआत की गई। जिसके तहत गांवों की बेटियों को जंगल सफारी का मौका दिया गया। इस अनोखी पहल का उद्देश्य न केवल उन्हें जंगल और वन्यजीवन से जोडऩा है बल्कि उनकी सोच और जीवन को एक नई दिशा देना भी है। पेंच के फील्ड निदेशक देवा प्रसाद ने पेंच टाइगर रिजर्व में इस पर्यटन सीजन के लिए आधिकारिक रूप से हरी झंडी दिखाकर आरम्भ किया। कहा कि बेटियां पूरे आसमान में सपनों की उड़ान भरें, खूब पढ़ें और आगे बढ़ें। पेंच में छात्राओं को जंगल सफारी के साथ वन व बाघ संरक्षण के लिए प्रेरित किया।
देश-विदेश से आए सैलानी
पेंच नेशनल पार्क में घुमने के लिए न केवल भारत देश से बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। पहले दिन काफी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक भी घुमने आए। टुरिया गेट से लगभग तीन सौ पर्यटकों ने बाघ का दीदार किया। सुबह जमतरा गेट से पांच, करमाझिरी से 8 सफारी एवं टुरिया गेट से 37 सफारी रवाना की गई। वहीं लगभग दोपहर में भी यही संख्या रखी। लगभग 300 पर्यटकों ने पहले दिन बाघ का दीदार किया।
पेंच नेशनल पार्क में घुमने के लिए न केवल भारत देश से बल्कि विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। पहले दिन काफी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक भी घुमने आए। टुरिया गेट से लगभग तीन सौ पर्यटकों ने बाघ का दीदार किया। सुबह जमतरा गेट से पांच, करमाझिरी से 8 सफारी एवं टुरिया गेट से 37 सफारी रवाना की गई। वहीं लगभग दोपहर में भी यही संख्या रखी। लगभग 300 पर्यटकों ने पहले दिन बाघ का दीदार किया।
123 बाघों से गुलजार है पार्क
पेंच नेशनल पार्क में हर वर्ष काफी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी आते हैं और बाघ का दीदार करते हैं। साल दर साल यहां बाघों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2022 में हुए गणना के अनुसार पेंच नेशनल पार्क में 77 बाघ टाइकर रिजर्व के अंदर है। वहीं 123 बाघ पेंच नेशनल पार्क का उपयोग करते हैं। यानी आते-जाते रहते हैं। बाघ सैलानियों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं। वहीं 175 तेंदुआ हैं। इसके अलावा जंगली बिल्ली, भेडिय़ा, जंगली कुत्ता, शियार, हिरन, चीतल, काला हिरन, नेंवला सहित अन्य जीव-जन्तू हैं। 10 हाथी से पेंच नेशनल पार्क की पेट्रोलिंग की जाती है। वहीं हाल ही में एक नवजात हाथी का जन्म हुआ है। जिससे संख्या अब 11 हो चुकी है। पेंच नेशनल पार्क अपनी जैव विविधता के लिए अब पूरे देश में पहचाना जाने लगा है।
पेंच नेशनल पार्क में हर वर्ष काफी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी आते हैं और बाघ का दीदार करते हैं। साल दर साल यहां बाघों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2022 में हुए गणना के अनुसार पेंच नेशनल पार्क में 77 बाघ टाइकर रिजर्व के अंदर है। वहीं 123 बाघ पेंच नेशनल पार्क का उपयोग करते हैं। यानी आते-जाते रहते हैं। बाघ सैलानियों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र हैं। वहीं 175 तेंदुआ हैं। इसके अलावा जंगली बिल्ली, भेडिय़ा, जंगली कुत्ता, शियार, हिरन, चीतल, काला हिरन, नेंवला सहित अन्य जीव-जन्तू हैं। 10 हाथी से पेंच नेशनल पार्क की पेट्रोलिंग की जाती है। वहीं हाल ही में एक नवजात हाथी का जन्म हुआ है। जिससे संख्या अब 11 हो चुकी है। पेंच नेशनल पार्क अपनी जैव विविधता के लिए अब पूरे देश में पहचाना जाने लगा है।
इनका कहना है…
बफर जोन के साथ अब 1 अक्टूबर से कोर जोन के भी सभी गेट खोल दिए गए हैं।
पर्यटकों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। पहले दिन बेटियां अतिथि बनी और उन्हें जंगल की सफारी कराई गई। रोमांच से भरे पल का उन्होंने भरपूर लुत्फ उठाया।
रजनीश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच नेशनल पार्क
बफर जोन के साथ अब 1 अक्टूबर से कोर जोन के भी सभी गेट खोल दिए गए हैं।
पर्यटकों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है। पहले दिन बेटियां अतिथि बनी और उन्हें जंगल की सफारी कराई गई। रोमांच से भरे पल का उन्होंने भरपूर लुत्फ उठाया।
रजनीश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच नेशनल पार्क