यह आ रही समस्या
दरअसल नागपुर-शहडोल एक्सप्रेस ट्रेन मध्य रेलवे की है जबकि रीवा-इतवारी एक्सप्रेस दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की है। आमला रेलवे स्टेशन मध्य रेलवे में आता है। रेलवे से जुड़ें जानकारों का कहना है कि जो ट्रेन जिस मंडल की होती है वहां प्राथमिकता दी जाती है। हालांकि यह गलत बात है। रेलवे को सभी ट्रेनों को एक समान प्राथमिकता देनी चाहिए।
दरअसल नागपुर-शहडोल एक्सप्रेस ट्रेन मध्य रेलवे की है जबकि रीवा-इतवारी एक्सप्रेस दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की है। आमला रेलवे स्टेशन मध्य रेलवे में आता है। रेलवे से जुड़ें जानकारों का कहना है कि जो ट्रेन जिस मंडल की होती है वहां प्राथमिकता दी जाती है। हालांकि यह गलत बात है। रेलवे को सभी ट्रेनों को एक समान प्राथमिकता देनी चाहिए।
आमला रेलवे स्टेशन ने प्लेटफॉर्म की बताई थी वजह
25 अगस्त को ब्रिज नंबर-94 में आई दरार की वजह से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने नागपुर-शहडोल एक्सप्रेस के साथ ही इतवारी-रीवा एक्सप्रेस को भी इतवारी से आमला होते हुए छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर के रास्ते परिचालन का निर्णय लिया था। 26 अगस्त को रेलवे ने दोपहर में आदेश जारी किया और दोनों ट्रेन को परिवर्तित मार्ग से चलाने का निर्णय लिया, लेकिन आमला रेलवे ने इतवारी-रीवा एक्सप्रेस को यह कहकर अपने यहां लेने से इंकार कर दिया कि प्लेटफॉर्म में जगह नहीं है। शाम होते-होते आदेश बदल गया और इतवारी-रीवा एक्सप्रेस को निरस्त करने का निर्णय अब तक बरकरार है। जबकि दोनों ही ट्रेन को चलाना जरूरी है।
25 अगस्त को ब्रिज नंबर-94 में आई दरार की वजह से दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने नागपुर-शहडोल एक्सप्रेस के साथ ही इतवारी-रीवा एक्सप्रेस को भी इतवारी से आमला होते हुए छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर के रास्ते परिचालन का निर्णय लिया था। 26 अगस्त को रेलवे ने दोपहर में आदेश जारी किया और दोनों ट्रेन को परिवर्तित मार्ग से चलाने का निर्णय लिया, लेकिन आमला रेलवे ने इतवारी-रीवा एक्सप्रेस को यह कहकर अपने यहां लेने से इंकार कर दिया कि प्लेटफॉर्म में जगह नहीं है। शाम होते-होते आदेश बदल गया और इतवारी-रीवा एक्सप्रेस को निरस्त करने का निर्णय अब तक बरकरार है। जबकि दोनों ही ट्रेन को चलाना जरूरी है।